उत्कृष्ट विद्यालय का कारनामा, मार्कशीट में प्रैक्टिकल के हाउस मार्क्स नही जुड़े
अभिभावकों ने की कलेक्टर से शिकायत
छिंदवाड़ा। दो दिन पहले कक्षा 12वीं और 10वीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है। जिसमें उत्कृष्ट विद्यालय के विद्यार्थियों ने बेहतर परिणाम लाए हैं। जो की एक शासकीय स्कूल होने के कारण जिले के लिए गौरव की बात है। लेकिन उत्कृष्ट विद्यालय में ही कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को 10 नंबर का नुकसान उठाना पड़ गया है। उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन कक्षा दसवीं के साइंस विषय में 25 नंबर के प्रैक्टिकल मार्क्स होने के बाद भी केवल 15 नंबर के प्रैक्टिकल मार्क्स ही जुड़ पाए हैं। अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार उनका कहना है कि कक्षा दसवीं के साइंस विषय में 25 नंबर के प्रैक्टिकल मार्क्स थे। जिसमें से 15 नंबर प्रैक्टिकल परीक्षा के बाद एक्सटर्नल को देना था। और 10 नंबर हाउस मार्क्स थे जो की स्कूल प्रबंधन को जोड़कर भेजना था। लेकिन स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण दसवीं के बच्चों के वह 10 नंबर के मार्क्स माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेज ही नहीं गए। जो एक्सटर्नल के मार्क्स थे वही मार्कशीट में जुड़कर आए हैं जिसके कारण बच्चों को 2% का नुकसान हो गया है।
दसवीं में भी बच्चे मार सकते थे बाजी
कक्षा 12वीं में जिले के बच्चों ने इस बार टॉप टेन में जगह बनाई है जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे उत्कृष्ट विद्यालय के हैं। इन बच्चों ने पांचवीं रैंक, चौथी रैंक, छठवीं रैंक, और दसवीं रैंक प्राप्त किया है। लेकिन दसवीं में बच्चे ज्यादा उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पाए। जो 10 नंबर का नुकसान दसवीं के बच्चों को हुआ है वह नंबर मार्कशीट में जुड़ते तो सीधे 2% अंक बढ़ जाते और दसवीं के बच्चे भी प्रदेश में रैंक ला सकते थे। लेकिन विद्यालय की गलती के कारण बच्चे रैंक लाने से वंचित रह गए।
स्कूल प्रबंधन दे रहा गोल-गोल जवाब
इस पूरे मामले में जब बच्चों के अभिभावक उत्कृष्ट स्कूल पहुंचे तो वहां स्कूल प्रबंधन गोल-गोल जवाब देता नजर आया है। इस मामले की कलेक्टर से शिकायत करने वाले अभिभावक ने बताया कि जब उन्होंने उत्कृष्ट के प्राचार्य से बात की तो वह यह कहते नजर आए कि हम भी इसी मामले में लगे हुए हैं। लेकिन कोई ठोस निर्णय स्कूल प्रबंधन नहीं ले पाया है। और ना ही इस मामले की सूचना अब तक माध्यमिक शिक्षा मंडल को दी गई है कुल मिलाकर यह मामला बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का है।
कई नौकरियां में दसवीं के मार्क्स इंर्पोटेंट
कई नौकरियां ऐसी भी होती है जिसमें कक्षा दसवीं के नंबरों का विशेष महत्व होता है। इन्हीं नंबरों के आधार पर नौकरियों में बेरोजगारों को जगह मिलती है। इन नौकरियों में एक-एक नंबर से बच्चे बाहर कर दिए जाते हैं या उनका चयन संबंधित नौकरी के लिए कर लिया जाता है। लेकिन यह तो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है। क्योंकि सीधे 10 नंबर का नुकसान बच्चों के लिए आने वाले समय में भारी पड़ सकता है।
खबर….अविनाश सिंह
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