अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं कर पा रहे ग्रामीण
मामला कोयलांचल के जमकुंडा ग्राम पंचायत का
छिंदवाड़ा। कभी-कभी विकास का ढिंढोरा पीटने वाले नेता बेमानी नजर आने लगते हैं। हालांकि सरकार हर काम के लिए खुद को तत्पर बताती है । लेकिन स्थानीय नेताओं के द्वारा जब क्षेत्र के विकास के नाम पर केवल दिखावे किए जाते हैं। तो कई बार शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आती है। ऐसा ही एक मामला कोयलाचल के जमकुंडा ग्राम पंचायत में देखने को मिला। जब बुधवार को एक ग्रामीण की मौत होने के बाद भारी बारिश के बीच उसके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को चिता के ऊपर तिरपाल लगाकर खड़े रहना पड़ा। तब जाकर मृतक की 5 साल की बेटी ने उसे अग्नि दी। यह मामला है जमकुंडा ग्राम पंचायत का जहां पर दाह संस्कार करने के लिए एक शेड तक नहीं है। बड़ी बात यह है कि ग्राम पंचायत में मोक्ष धाम के नाम पर कोई भूमि नहीं और ना ही यहां पर कोई शेड बनाया गया है। जिसमें शवों का दाह संस्कार किया जा सके । 20 साल की भाजपा सरकार और 76 साल का अमृत महोत्सव चिता के ऊपर तिरपाल लेकर खड़े लोगों की तस्वीर सामने आने के बाद बौने नजर आने लगे हैं। लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर यह कैसा विकास है की एक शव का अंतिम संस्कार भी ग्रामीण ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाएं संचालित होती है। विधायकों से लेकर सांसद तक अपनी निधि से इस तरह के निर्माण कार्यों के लिए राशि प्रदान कर सकते हैं। लेकिन कोयलांचल के जमकुंडा की यह तस्वीर विकास की हकीकत बयां करती नजर आ रही है।
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पांच साल की मासूम ने अपने पिता को दी मुखाग्नि
जमकुंडा में रहने वाले रंजीत पिता हजारीलाल खरे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बुधवार को तेज बारिश के बीच मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण उसकी शव यात्रा लेकर ग्राम पंचायत भवन के पीछे स्थित वन विभाग की भूमि पर पहुंचे। यहां लकड़ियों की व्यवस्था तो की गई। लेकिन बारिश से बचने का कोई उपाय ग्रामीणों के पास नहीं था। बड़ी मुश्किल से शव को चिता पर लेटाया गया और शव यात्रा में शामिल लोगों को एक तिरपाल लेकर उसे चिता के ऊपर चारों तरफ से पकड़ कर खड़े होना पड़ा। इसके बाद मृतक की 5 साल की मासूम बेटी ने उसे मुखानी दी। इस पूरे घटनाक्रम में बड़ी मुश्किल से चिता को आग लगी और जहां वैज्ञानिक रूप से या सलाह दी जाती है कि चिता से उठने वाले धुएं और आग की लपटों से दूर रहना चाहिए वही ग्रामीणों को तिरपाल लेकर चिता के आसपास खड़े रहना पड़ा।
9 वार्डों के लिए नहीं है मोक्षधाम और शेड
ग्राम पंचायत जमकुंडा मुख्य मार्ग पर स्थित है । यहां पंचायत ने 9 वार्डों के लिए मोक्षधाम एवं शेड की व्यवस्था नहीं की है। ग्रामीण पंचायत भवन के पीछे दाह संस्कार करते हैं। उपसरपंच राकेश खरे का कहना है कि अनेको बार मांग की गई लेकिन मोक्षधाम में शेड का नहीं बनाया गया। जिस वजह से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। जमकुंडा पंचायत में 13 वार्ड है 4 वार्ड भाडरी में आते है और 9 वार्ड ग्राम जमकुंडा में है। जिसकी आबादी लगभग 13 सौ से अधिक है। ग्रामीण दीपक कुमरे, विजय इवनाती, मनीराम ब्रह्मवंशी,देवेन्द्र नागवंशी का कहना है कि यहाँ मोक्षधाम के लिए भूमि का आवंटन भी नहीं है। जबकि शासन द्वारा मोक्षधाम की व्यवस्था हेतु राशि आवंटित की जाती है। लेकिन यहां पंचायत की लापरवाही का खामियांजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
विकास की तस्वीर…अविनाश सिंह
9406725725
सूत्र…कय्यूम बेग गुढ़ी अंबाडा