बीजेपी को मिस मैनेजमेंट से नुकसान, कांग्रेस को कांग्रेसियों से नुकसान
कांग्रेसियों के भाजपा विलय से नुकसान किसको कितना
छिंदवाड़ा । पूरे देश की नजर इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई है। कमलनाथ का गढ़ ढहाने के लिए भाजपा का चक्रव्यूह कितना काम आ पाएगा यह तो 4 जून को ही पता चलेगा। लेकिन उसके पहले एग्जिट पोल पर नजर डालें तो इस बार भी कमलनाथ का गढ़ भाजपा पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। भाजपा का चुनाव प्रचार और मिस मैनेजमेंट इस बार भी भारी पड़ेगा और नकुलनाथ के लिए कमलनाथ का संतुलित कैंपेन हावी होता दिखाई दे रहा है।
छिंदवाड़ा जिले में 19 अप्रैल को पहले चरण में ही चुनाव संपन्न हो गए और उसके बाद से लगभग 2 महीने पूरे देश में चुनाव होते रहे। लोकसभा के अंतिम चरण का चुनाव एक जून को संपन्न कराया गया। उसके बाद से ही पूरे देश में एग्जिट पोल शुरू हो गए हैं। छिंदवाड़ा में भी एग्जिट पोल पर पूरे देश की नजर है। बीजेपी ने इस बार कमलनाथ का अजेयगढ़ ढहाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी और केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व और कैबिनेट व केंद्रीय मंत्रियों की पूरी टीम लगातार कैंपेनिंग के लिए छिंदवाड़ा आती रही। कमलनाथ को घेरे रखने के लिए एक बड़ा चक्रव्यूह भी रचा गया। खासकर हिंदुत्व के साथ ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के नाम पर छिंदवाड़ा में भाजपा ने एक बड़ा कैंपेन चलाया ताकि अब तक अजय सीट रही छिंदवाड़ा को जीता जा सके। लेकिन फिर भी छिंदवाड़ा में बीजेपी का कैंपेन कमजोर दिखाई दे रहा है। जहां बीजेपी के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू बड़े नेताओं और कांग्रेसी नेताओं को भाजपा ज्वाइन करने में व्यस्त रहे। वही कमलनाथ और नकुलनाथ अपने संतुलित प्रचार में लगे रहे। अब कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले कई कद्दावर नेता कमलनाथ को कितना नुकसान पहुंचाएंगे यह बात 4 जून को ही सामने आएगी। छिंदवाड़ा के पूर्व विश्लेषण पर नजर डालें तो इस बार भी यहां पर कमलनाथ ही भारी पड़ते दिखाई दे रहे है। संभावना है कि इस बार फिर कमलनाथ अपनी इस अजेय सीट बेटे नकुलनाथ के लिए बचाने में कामयाब हो जाए।
वीडियो में देखें एक्सिट पोल पर विश्लेषण…पार्ट 1
कांग्रेसियों के भाजपा विलय से कमलनाथ को नुकसान
कमलनाथ के कई करीबी और कद्दावर नेता लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो गए। खासतौर से विधायक कमलेश शाह, पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना, पांढुरना से कांग्रेस नेता अज्जू ठाकुर, चौरई के कांग्रेस नेता गंभीर सिंह चौधरी, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, चांद क्षेत्र के कद्दावर नेता बंटी पटेल जैसे कई नेता भाजपा में शामिल हुए। इस बात का नुकसान निश्चित रूप से कमलनाथ को उठाना पड़ेगा। लेकिन इन नेताओं के भाजपा में जाने से भाजपा को भी डैमेज का सामना करना पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जितने बड़े नेता कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सभी नेता भाजपा की पहली लाइन में आकर खड़े हो गए। और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जाने लगा। इसके अलावा पहले से ही नाराज चल रहा भाजपा का वरिष्ठ खेमा कांग्रेस की बजाय भाजपा को ज्यादा नुकसान करता दिखाई देने लगा है। दोनों ही पार्टियों के अलग-अलग डैमेज की बात करें तो भाजपा को जो डैमेज होता दिख रहा है वह कमलनाथ के डैमेज से ज्यादा है। जिसका कुछ फायदा कमलनाथ को मिल सकता है।
वीडियो में देखें एक्सिट पोल पर विश्लेषण…पार्ट 2
भाजपा का चुनाव प्रचार कमजोर कमलनाथ भारी पड़े
लोकसभा चुनाव 2024 में छिंदवाड़ा में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। लेकिन उसके बाद भी भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए विवेक बंटी साहू का चुनाव प्रचार पूरे जिले में कमजोर नजर आया। जहां विवेक बंटी साहू हर विधानसभा के कुछ क्षेत्र ही कवर कर पाए वहीं कमलनाथ और नकुलनाथ लगातार पूरे जिले में कैंपेनिंग करते रहे। कमलनाथ और नकुलनाथ की यह तैयारी चुनाव की घोषणा होने से लगभग 2 महीने पहले से ही शुरू हो गई थी। जबकि विवेक बंटी साहू का नाम अचानक सामने आया इसके बाद उन्होंने प्रचार की शुरुआत की लेकिन उस पर भी भाजपा के बड़े नेताओं का लगातार छिंदवाड़ा आना जाना प्रचार के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में विवेक बंटी साहू अपनी पहुंच नहीं बना पाए यह एक बड़ा नुकसान भाजपा के लिए साबित हो सकता है।
एग्जिट पोल विश्लेषण….
अविनाश सिंह
9406725725