शहर में तीन नेताओं के ही कमर्शियल होर्डिंग लगे
जिला अध्यक्ष सहित सभी बड़े नेता फ्री स्पेस में ही नजर आए
छिंदवाड़ा । पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ का 78 वां जन्मदिन छिंदवाड़ा में कई सवालों को जन्म दे गया। लगभग 28 साल बाद कमलनाथ अपने जन्म दिवस पर छिंदवाड़ा में मौजूद रहे। लेकिन यहां कांग्रेस नेताओं की बेरुखी पूरे शहर में साफ नजर आई। यहां तक की छिंदवाड़ा शहर को दुल्हन की तरह सजाने का दावा करने वाली जिला कांग्रेस कमेटी के दावे खोखले साबित हुए। शहर में कई कमर्शियल होर्डिंग खाली रह गए यहां तक की जो उद्योगपति पांच महीने पहले तक कमलनाथ के गुण गाते नहीं थकते थे। उन ऑटोमोबाइल सेक्टर के उद्योगपतियों ने अपने कमर्शियल होर्डिंग नहीं हटाए। और कमलनाथ का विज्ञापन नहीं लगने दिया। कमर्शियल होर्डिंग की बात करें तो केवल तीन युवा नेताओं ने ही शहर में कमलनाथ के जन्मदिन को सार्थक बनाने का प्रयास किया। पहला सवाल तो यही उठ रहा है कि क्या यह तीन युवा नेता सोनू मागो, जय सक्सेना और विनोद यदुवंशी ही अब कमलनाथ और कांग्रेस का झंडा जिले में उठाएंगे और बाकी नेता केवल मंच पर बैठकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह जन्म दिवस कमलनाथ के लिए और नकुलनाथ के भविष्य के लिए भी कई सवाल खड़े कर गया है । आज की यह दशा कहीं से भी नकुलनाथ को छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अगले चुनाव के लिए तैयार करती नजर नहीं आती। बड़ी विडंबना तो इस जन्मदिवस पर यह भी देखने को मिली की नकुलनाथ खुद छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र या छिंदवाड़ा की राजनीति के लिए तैयार नजर नहीं आए। जहां कमलनाथ का जन्म दिवस मनाया धूमधाम से गया लेकिन नेताओं में नाथ परिवार को लेकर सच्चाई देखने को मिली।
जिला अध्यक्ष, शहर अध्यक्ष सहित सभी नेता फ्री स्पेस में
कमलनाथ का जन्म दिवस कांग्रेस के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण था। इस जन्म दिवस को मनाने के लिए बड़ी तैयारी भी की गई थी यहां तक की देश के सबसे विख्यात कवि कुमार विश्वास की पूरी टीम को छिंदवाड़ा बुलाया गया । और एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोग पहुंचे। लेकिन छिंदवाड़ा जिले के नेताओं की उपस्थिति शहर को सजाने में कहीं नजर नहीं आई। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्ट , शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पप्पू यादव सहित लगभग सभी बड़े नेता जो आज कांग्रेस की कमान थामें नजर आते हैं। उनमें से किसी के भी कमर्शियल होर्डिंग शहर में कहीं नहीं दिखे। इसका मतलब साफ है कि इन नेताओं ने कमलनाथ के जन्म दिवस पर रुपए खर्च करना उचित नहीं समझा। केवल तीन नेता ही कमर्शियल होर्डिंग में नजर आए जिनमें सोनू मागो जिन्होंने पूरे शहर को होल्डिंग से सजाया। जय सक्सेना जिन्होंने कम से कम शहर के सभी मार्गों के डिवाइडर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । और एक नॉन पॉलिटिकल पर्सनालिटी विनोद यदुवंशी जिन्होंने कमर्शियल होल्डिंग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । इसके अलावा कोई भी नेता रुपए खर्च करता दिखाई नहीं दिया। और ज्यादातर नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय के आसपास के फ्री स्पेस पर ही अपने होर्डिंग सजाए और कमलनाथ के जन्म दिवस पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास किया लेकिन हकीकत शहर में बयां कर दी।
नकुलनाथ ने भी नहीं संभाली जन्म दिवस की कमान
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की कमान अपने उत्तराधिकारी के रूप में नकुलनाथ को दी । उन्हें छिंदवाड़ा से सांसद बना कर नकुलनाथ को एक नई पहचान कमलनाथ से दिलाई। लेकिन कमलनाथ के 78 में जन्म दिवस पर जहां छिंदवाड़ा में भव्य आयोजनों की तैयारी की गई वहीं नकुलनाथ ने अपने पिता के जन्म दिवस को ऐतिहासिक बनाने की कमान खुद नहीं संभाली। वह अपने पिता के पीछे चलते नजर आए। यही कारण है कि शहर में 45 साल की राजनीति के भीष्म पितामह रहे कमलनाथ जिन्हें अब छिंदवाड़ा के अभिभावक का दर्जा तक दिया जाने लगा है। उनका जन्म दिवस एतिहासिक नहीं हो सका। जबकि यह जिम्मेदारी जितनी जिले के कांग्रेसी नेताओं की थी । उतनी ही जिम्मेदारी नकुलनाथ की भी थी नकुलनाथ को अपने पिता के जन्मदिवस को ऐतिहासिक बनाने के लिए जो प्रयास करना चाहिए था वह उन्होंने नहीं किया। जबकि वह खुद पूर्व सांसद है और उनकी अपनी एक विशेष भूमिका छिंदवाड़ा में है। कमलनाथ के जन्मदिवस पर युवाओं पर जोश भरने का काम और शहर को सजाने की जिम्मेदारी नकुलनाथ की भी थी। लेकिन नकुलनाथ खुद कमलनाथ के छिंदवाड़ा पहुंचने के बाद छिंदवाड़ा पहुंचे और उसके बाद भी उन्होंने शहर में यह नहीं देखा की जन्म दिवस की तैयारी कैसी है आयोजन समिति के भरोसे नाथ परिवार बैठा रहा।
व्यंग में कुमार विश्वास बता गए चुनाव हारने का कारण
कमलनाथ के जन्म दिवस पर आयोजित भव्य कवि सम्मेलन के मुख्य वक्ता देश के विख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास ने अपने व्यंग्य के जरिए कमलनाथ को उनकी हर का कारण बता दिया काव्य पाठ के दौरान डॉक्टर कुमार विश्वास ने कहा कि अभी जब कभी सम्मेलन शुरू हो रहा था तब आनंद बक्शी कमलनाथ जी को बार-बार यह कह रहे थे की भीड़ आ जाएगी भीड़ आ जाएगी उन्होंने अपने बैंक के जरिए कहा कि चुनाव में भी यही स्थिति रही होगी कांग्रेस के नेता कमलनाथ को कहते रहे कि वोट मिलेंगे वोट मिलेंगे और वोट नहीं मिले हकीकत भी शायद यही है कि यह चुनाव नाथ परिवार ने जिनके भरोसे लड़ा ऐसी ही हकीकत कमलनाथ तक पहुंचाई आखिर तक 100000 वोटो से जीत का दावा करने वाले कांग्रेसियों को सवा लाख वोट से हार का सामना करना पड़ा खैर अब छिंदवाड़ा की राजनीति कांग्रेस के लिए कठिन होती जा रही है संगठन में बदलाव करने के बाद भी वही चेहरे दिख रहे हैं और जो नए कांग्रेस की जोड़ने तो दूर पुराने कांग्रेसियों में जोश भरने का काम तक नहीं कर पा रहे हैं।
राजनीति विश्लेषण कांग्रेस…
…अविनाश सिंह
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