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भाजपा : वरिष्ठ भाजपा नेताओं का वजूद खतरे में, मौजूदगी पर उठने लगे सवाल

प्रभारी मंत्री की बैठक में कैसे आए चंद्रभान इस बात घमासान

भाजपा की गुटबाजी नफरत तक पहुंची, एकाधिकार के प्रयास

छिंदवाड़ा। जिले में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी भाजपा नेताओं में गुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है। नेताओं में यह गुटबाजी अब रंजिश और नफरत तक पहुंच गई है। जिसका नजारा प्रभारी मंत्री के पहले आगमन पर छिंदवाड़ा में देखने को मिला । यहां जिला भाजपा कार्यालय में कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी जनप्रतिनिधियों को इतनी खाली कि वह बैठक छोड़कर ही निकल गए। और अपने साथ अपने समर्थकों को भी ले गए। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ हो गई है कि अब भाजपा में पिछले कई सालों से राजनीति कर रहे हैं वरिष्ठ नेताओं का वजूद खतरे में पड़ गया है। अब उनकी उपस्थिति तक पर सवाल उठने लगे हैं।  इससे भी बड़ी विडंबना यह है कि जिला भाजपा इन नेताओं की उपस्थिति पर सफाई देती नजर आ रही है। छिंदवाड़ा जिला भाजपा में पिछले दो दिनों में घट यह घटनाक्रम वरिष्ठ भाजपा नेताओं के हक में किसी बेइज्जती से कम नहीं है। जब भाजपा कार्यालय में उनकी मौजूदगी पर तक सवाल उठाए जाने लगे और नेता और जनप्रतिनिधि वॉकआउट करने लगे हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह पूरा घटनाक्रम मध्य प्रदेश शासन के पीडब्ल्यूडी मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता राकेश सिंह के सामने घटित हुआ। भाजपा नेताओं की आपसी लड़ाई अब सत्ता और संगठन दोनों के सामने आ गई।

ऐसा क्या हुआ कि प्रभारी मंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप ?

जिले का प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का यह पहला दौरा छिंदवाड़ा में था। लगभग 3 महीने बाद प्रभारी मंत्री छिंदवाड़ा आए जिनकी अगवानी करने के लिए संसद विवेक बंटी साहू और जिला प्रशासन की पूरी टीम बैतूल मार्ग पर मैनीखापा तक पहुंची और बड़ी गर्म जोशी से प्रभारी मंत्री का स्वागत कर उन्हें भाजपा कार्यालय तक लाया गया। बुधवार को भाजपा कार्यालय में एक बैठक का आयोजन था। जिसमें कई वरिष्ठ भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। लेकिन जैसे ही प्रभारी मंत्री भाजपा कार्यालय पहुंचे और मंच पर आसीन हुए इसी दौरान सांसद विवेक बंटी साहू की नजर जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी चंद्रभान सिंह पर पड़ गई । इसी बात पर सांसद और जिला भाजपा अध्यक्ष शेषराव यादव में हल्की नोंकझोंक हुई और सांसद अपनी टीम के साथ वहां से निकल गए। संसद के साथ निकलने वालों में महापौर विक्रम आहके परासिया की भाजपा नेता ज्योति डहरिया, चौरई के भाजपा नेता लखन वर्मा सहित कई चेहरे शामिल हैं जो भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रभारी मंत्री के साथ बैठक में शामिल नहीं हुए। बात यहीं खत्म नहीं हुई भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के साथ प्रभारी मंत्री के रात्रि भोज का आयोजन नागपुर रोड के एक रेस्टोरेंट में रखा गया था। इस रेस्टोरेंट में भी सांसद की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही । बुधवार शाम को घटित हुआ या घटनाक्रम गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक शहर में चर्चा का विषय बना रहा । गुरुवार की दोपहर जब सांसद ने दोपहर के खाने का आयोजन किया इस दौरान केवल उनके समर्थक ही अकॉर्ड होटल में नजर आए । भाजपा में चल रहे इस घमासान का नजारा लोकसभा चुनाव के 5 महीने बाद खुलेआम देखने को मिला। वहीं इस घटनाक्रम पर प्रभारी मंत्री को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा और नेताओं को समझाइश दी गई।

गद्दारों को गद्दार कहने पर सजा, अपनों पे सितम गैरों पे करम…..?

जिला भाजपा में इन दिनों चल रहे घमासान को देखते हुए किसी कवि के द्वारा लिखी गई है लाइन बड़ी चरितार्थ होती नजर आ रही है कवि ने लिखा है “… अपनों पे सितम गैरों पे करम.. अए जाने वफा यह जुल्म ना कर…” जिला भाजपा के हालात यही चल रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा में शामिल हुए कई कांग्रेसी मंचों पर और कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं । जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निकलने का काम शुरू हो गया है। हाल ही में नगर निगम अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर घटे घटनाक्रम में चार भाजपा नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया । इनमें सालों से जमीनी स्तर पर काम करने वाले भाजपा नेता संतोष राय, शिव मालवी, हरिओम सोनी की पत्नी शामिल है। यह तीनों ही नेता ऐसे हैं जिन्होंने बीजेपी के कार्यक्रमों में कुर्सियां तक लगाई हैं। इन नेताओं को केवल इसलिए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया। क्योंकि उन्होंने गद्दार को गद्दार कहा । बड़ी विडंबना है कि अब भाजपा में सच को सच के कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है । नगर निगम में घटा घटनाक्रम भी कहीं ना कहीं कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को फायदा पहुंचाने और वरिष्ठ नेता विजय पांडे को निगम अध्यक्ष न बनने देने के लिए ही किया गया । लेकिन जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की वह भाजपा के खास नेता बने हुए हैं। जबकि उन्हें गद्दार कहने वालों को भाजपा ने पार्टी से ही निकाल दिया है।

राजनैतिक विश्लेषण भाजपा…
…अविनाश सिंह
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