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जिले में पुरानी भाजपा की नई तस्वीर, कई चेहरे हो जायेंगे गायब !

जहां बम वहां हम..ये है मंजी हुई राजनीति की  पहचान

जिले की आगामी राजनीति की झलक दिखा रही ये तस्वीर

छिंदवाड़ा। किसी ने सच ही कहा है की राजनीति में सब कुछ जायज है। कौन कब किस करवट बैठ जाए राजनीति में यह कहा नहीं जा सकता। लोग दल बदल कर चले जाते हैं सालों से जिस विचारधारा को लेकर वह बयान बाजी करते चले आए उस विचारधारा को एक झटके में छोड़ देते हैं। और तो और राजनीति का रंग तब और गहरा दिखाई देता है जब कभी एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे नेता एक दूसरे का दामन थाम कर चलते दिखाई देते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा बुधवार को शहर में उस समय नजर आया जब पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना अपने बेटे चुनमुन सक्सेना और समर्थकों के साथ चौधरी चंद्रभान सिंह के घर उन्हें शुभकामनाएं देने पहुंच गए। कांग्रेस से पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दीपक सक्सेना अब भाजपा में है और शायद पहली बार ही वे पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी चंद्रभान सिंह के घर पहुंचे। यह राजनीति का खेल भी बड़ा निराला है। दीपक सक्सेना जिसके बैनर तले भाजपा में आए बुधवार को उसका कहीं नामों निशान नजर नहीं आया। जबकि दो राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ियों की जुगलबंदी भाजपा के आने वाले समय की कहानी बयां करती नजर आई।

हमेशा एक दूसरे के खिलाफ लड़े चुनाव, अब एक साथ

पूर्व कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना और वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी चंद्रभान सिंह हमेशा ही एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे। दोनों ने ही छिंदवाड़ा विधानसभा से एक दूसरे के विरोध में चुनाव लड़ा दीपक सक्सेना कांग्रेस से चुनाव लड़ते रहे और चौधरी चंद्रभान सिंह भाजपा के प्रत्याशी बनते रहे। कई बार चौधरी चंद्रभान सिंह चुनाव जीते और कई बार दीपक सक्सेना चुनाव जीते। बड़ी बात यह है कि दोनों ही पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे और और जहां दीपक सक्सेना कमलनाथ के सबसे करीबी रहे। वही चौधरी चंद्रभान सिंह का भाजपा में खासा दबदबा रहा। लेकिन दोनों नेता हमेशा से ही एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी कहलाए। लेकिन हाल ही में गुजरे लोकसभा चुनाव में दीपक सक्सेना ने भाजपा के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू के समर्थन में भाजपा का दामन थाम लिया। उसके बाद दीपक सक्सेना भाजपा के लिए प्रचार भी करते नजर आए। लेकिन कहीं ना कहीं उस समय चौधरी चंद्रभान से सिंह से उनकी करीबियां दिखाई नहीं दी। लेकिन अचानक चौधरी चंद्रभान सिंह के जन्म दिवस पर जिस तरह से दीपक सक्सेना ने अपने बेटे और समर्थकों के साथ उनके घर पहुंच कर उन्हें बधाई दी। यह घटना जिले में भाजपा की आने वाली तस्वीर को साफ करती दिखाई दे रही है। कि आखिर भाजपा में इन पुराने नेताओं की जुगलबंदी क्या गुल खिला सकती है।

होर्डिंग में पूरे जिले की भाजपा, वर्तमान नेतृत्व गायब

चौधरी चंद्रभान सिंह का जन्म दिवस 22 मई को था और इस दिन एक बड़े जन्म दिवस समारोह के आयोजन की तैयारी भी थी। लेकिन अचानक पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह के परिवार में एक परिवार जन का देहावसान होने के कारण यह समारोह रद्द कर दिया गया। लेकिन शहर में चौधरी चंद्रभान सिंह के जन्म दिवस के होल्डिंग जगह-जगह नजर आए। और इन होल्डिंग में लगभग पूरे जिले की भाजपा शामिल दिखाई थी। यहां तक की पांढुर्णा जिले के भाजपा नेता भी होर्डिंग में जगह पा गए। लेकिन भाजपा का वर्तमान नेतृत्व कहीं ना कहीं इन होल्डिंग से गायब नजर आया। लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू जो कि पिछले 5 साल से जिला भाजपा के अध्यक्ष भी है। वह होर्डिंग में कहीं नजर नहीं आए। और ना ही उनके समर्थक दिखाई दिए जबकि भाजपा से कांग्रेस में आने वाले लगभग हर चेहरा होर्डिंग में नजर आया। यहां तक की नगर निगम के कांग्रेस पार्षद जो भाजपा में चले गए उन्होंने अलग से होर्डिंग बनाकर चौधरी चंद्रभान सिंह को जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी यह नजारा शहर में पिछले तीन दिनों से नजर आ रहा है।

क्या 4 जून के  बाद बदल जायेगी जिला भाजपा की तस्वीर ?

लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को संपन्न हो गए उसके बाद से लगातार भाजपा के नेतृत्व को लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का दौरा चालू है। पिछले 5 साल में जिला भाजपा का नेतृत्व कहीं ना कहीं पूरे जिले में फेल नजर आया है। यहां तक की पुराने नेताओं की अनदेखी और उनके साथ किए गए व्यवहार से छिंदवाड़ा शहर सहित पूरे जिले के लोग भली भांति वाकिफ है। चुनाव के बाद एकदम से भाजपा की राजनीति में हलचल मच गई। एक तरफ जहां चुनाव के दौरान के घटनाक्रम भाजपा में भूचाल लाते रहे। वही चुनाव के बाद अब जिला भाजपा के आगामी नेतृत्व को लेकर सरगर्मीया तेज हो गई। जिले भर के पुराने नेता सभी एक्टिव हो गए हैं। चौधरी चंद्रभान सिंह खुद इस चुनाव के बाद जिले में एक बड़ा चेहरा बनकर दोबारा उभरे हैं। इसका कारण यह है कि चौधरी चंद्रभान सिंह को केंद्र और राज्य के बड़े नेताओं ने इस पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा तवज्जो दी। और सबसे ज्यादा उनकी बातें सुनी गई। छिंदवाड़ा का यह चुनाव भाजपा के लिए मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती थी। उसके बाद भी भाजपा पुराने साथियों को साधने में लगभग नाकाम नजर आई। कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले नेताओं ने भाजपा के लिए काम किया। अब सबसे बड़ा सवाल जो लोगों के जहन में है वह यह है कि क्या 4 जून के बाद छिंदवाड़ा में जिला भाजपा की तस्वीर बदल जाएगी ? लेकिन इस सवाल के जवाब के लिए इंतजार करना पड़ेगा की आखिर नतीजों के बाद जिले में भाजपा की कोन सी तस्वीर उभरकर आयेगी।

राजनैतिक विश्लेषण… अविनाश सिंह
9406725725