लोकायुक्त जबलपुर ने की कार्रवाई,
पावती बनाने मांगी थी 10 हजार रुपए रिश्वत
छिंदवाड़ा। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार का खेल लगातार जारी है चार दिन पहले ही छिंदवाड़ा पटवारी भवन में एक पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। तो वही बुधवार को परासिया तहसील के पास एक बैंक में 7000 रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने क्षेत्र के पटवारी को धर दबोचा है।
न्यूटन क्षेत्र के पटवारी कमल गड़ेवाल ने न्यूटन निवासी गुलफाम अंसारी से एक जमीन की पावती बनाने के नाम पर 10000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। पटवारी पिछले 3 महीने से शिकायतकर्ता को प्रताड़ित कर रहा था। और रुपयों की मांग कर रहा था। जिसकी शिकायत गुलफाम ने लोकायुक्त जबलपुर से की। बुधवार को जब शिकायतकर्ता तहसील कार्यालय के पास ही स्थित आईसीआईसीआई बैंक में पूर्व निर्धारित 7000 रुपए निकाल कर पटवारी को दे रहा था। तभी जबलपुर लोकायुक्त के इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके और इंस्पेक्टर भूपेंद्र दीवान की पांच सदस्यीय टीम ने पटवारी को पकड़ लिया। आरोपी पटवारी को तत्काल तहसील कार्यालय लाया गया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
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लोकायुक्त की खबर लगते ही निकले तहसीलदार
परासिया तहसील कार्यालय के सामने ही स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में जब लोकायुक्त जबलपुर की टीम पटवारी को रंगे हाथों रिश्वत लेते पड़ रही थी। इस दौरान जैसे ही क्षेत्रीय नायब तहसीलदार को इस बात की खबर लगी तो तहसीलदार तत्काल कार्यालय से निकल गए। जब लोकायुक्त की टीम पटवारी को तहसील कार्यालय लेकर आई उस दौरान ही नायब तहसीलदार बाहर निकल रहे थे यह नजारा भी कैमरे में कैद हुआ है।
भ्रष्टाचार में पूरा तंत्र शामिल, पकड़ाते हैं मोहरे
राजस्व विभाग में चल रहे हैं इस तरह के भ्रष्टाचार में पूरा तंत्र शामिल है। लेकिन कार्रवाई केवल उसी पर हो पाती है जो मोहरा है। दरअसल राजस्व विभाग के कामों को करने के लिए आर आई और पटवारी ही अधिकृत है। जिनके मार्फत पावती नामांतरण जैसे कार्य कराए जाते हैं। इसलिए आर आई,पटवारी ही रिश्वत की मांग करते हैं। जबकि रिश्वत के रुपए नीचे से लेकर ऊपर तक सभी के हिस्से में आते हैं। उसके बाद भी कार्रवाई केवल उन पर हो पाती है जो की पकड़े जाते हैं। चार दिन पहले छिंदवाड़ा पटवारी भवन में भी लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने एक पटवारी को रिश्वत लेते पकड़ा था। हालांकि पटवारी ने रिश्वत के रुपए शिकायतकर्ता से सीधे उसकी टेबल की दराज में डलवाए थे इसलिए इस मामले में पटवारी के हाथ रंगे नहीं। लेकिन लोकायुक्त ने साक्ष्य के आधार पर उसे पर कार्रवाई की।
खबर…अविनाश सिंह
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