पार्किंग नहीं सड़क पर खड़े होते हैं वाहन, नियमों की उड़ रही धज्जी
आधी रात तक बजता है डीजे, मरीजों और दिल के रोगियों की फजीहत
छिंदवाड़ा। शहर की कालोनियों में कई अवैध मैरिज गार्डन और लॉन संचालित हो रहे हैं। दरअसल इन मैरिज गार्डन और लॉन को अवैध इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शादियों के लिए किराए पर देने वाले इन मैरिज गार्डन और लॉन को जिन नियमों के आधार पर संचालित होना चाहिए उन नियमों का एक प्रतिशत पालन भी इन मैरिज गार्डन और लॉन संचालकों के द्वारा नहीं किया जा रहा। बड़ी बात यह है कि ऐसे अवैध मैरिज गार्डन ज्यादातर कॉलोनीयों के बीच संचालित हो रहे है। जहां बड़ा रिहायसी क्षेत्र है और इन गार्डन और लॉन में होने वाली शादियों के कारण यहां रहने वालों की फजीहत हो गई है। लोग अब मुश्किल से अपने घरों में रह पा रहे हैं।
हम यहां बात कर रहे हैं शहर की रिहायशी कॉलोनीयों के अंदर बने मैरिज गार्डन और लॉन की बड़ी बात यह है कि कई गार्डन तो ऐसे संचालित हो रहे हैं जो समाज के भवन के रूप में उपयोग किए जाते हैं। लेकिन कॉलोनी के अंदर इन सामाजिक भवनों को किराए पर देकर यहां शादी विवाह जैसे समारोह संपादित कराए जा रहे हैं। जिसके चलते उस क्षेत्र में रहने वाले खासे परेशान हैं। जिस दिन उस लॉन में शादी होती है उस दिन तो इस क्षेत्र के लोगों की फजीहत ही हो जाती है। घंटो जाम लगता है। मैरिज गार्डन के बाहर लोगों के घरों के सामने वाहनों की कतारें लगी रहती है और आधी रात तक डीजे बजता है। जबकि इन सामाजिक भवनों में और कई मैरिज गार्डन और लॉन में विवाह समारोह संपादित करने करवाने की कोई अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है।
बिगड़ रही बुजुर्गों और दिल के रोगियों की सेहत
कॉलोनी के कई घरों में बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग निवास करते हैं। रात 10 बजे तक तो मैरिज गार्डन और लॉन में होने वाला शोरगुल लोग सहन कर लेते हैं। लेकिन उसके बाद मैरिज गार्डन और लॉन में बजने वाले डीजे की तेज आवाज बुजुर्गों और दिल के मरीज के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को परेशान कर देती है। डीजे की तेज आवाज से लोगों की सेहत बिगड़ने लगी है। शनिवार को ही चंदन गांव क्षेत्र के एक सामाजिक भवन में होने वाले विवाह के कारण एक बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उपचार के लिए नागपुर ले जाना पड़ा। ऐसी स्थिति शहर की लगभग हर कॉलोनी में बनी हुई है। इन सामाजिक भवनों और कालोनियों के अंदर मैरिज लॉन संचालित करने की कोई अनुमति प्रशासन नहीं देता उसके बाद भी भवनों में शादियां हो रही है और नियमों की अनदेखी की जा रही है।
बारात से लगता है जाम, घंटो चलता है शोरगुल
मैरिज गार्डन और लॉन के अंदर बजने वाले डीजे ही कॉलोनी वालों की समस्या नहीं है। बल्कि कॉलोनी के अंदर संचालित हो रहे इन भवनों में जब शादियां होती है तो यहां लगने वाली बारात भी इस क्षेत्र में रहने वालों के लिए समस्या लेकर आती है। एक तरफ तो बारात के कारण 2 से 3 घंटे तक कॉलोनी के उस क्षेत्र की सभी सड़के जाम हो जाती है। और लोग अपने घरों तक भी नहीं पहुंच पाते। इतना ही नहीं आजकल बारात में ढोल बाजे के साथ ही डीजे बजाने का चलन भी चल पड़ा है। जिसके चलते क्षेत्र में इतना शोरगुल होता है कि लोग लगातार तीन से चार घंटे तक बजने वाले इस ढोल नगाड़े और डीजे की धुन से परेशान हो जाते हैं। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते बुजुर्ग सो नहीं पाते और आमजन अपना काम नहीं कर पाते। यह समस्या शहर की हर कॉलोनी में है जहां पर भी लॉन संचारित हो रहे हैं।
आचार संहिता 6 जून तक, भूल गया प्रशासन
जिले में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में ही मतदान संपन्न हो गए लेकिन चुनाव की आचार संहिता मतदान के एक महीने पहले से लेकर 6 जून तक लगी हुई है। और आचार संहिता के दौरान जहां डीजे बजाने की अनुमति लेना आवश्यक है वही रात 10:30 बजे के बाद डीजे साउंड पूरी तरह से बंद कर दिए जाने के निर्देश भी है इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी देर रात तेज आवाज की धुन पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके शहर में हो रही शादियों में रात 12 और 1:00 बजे तक डीजे साउंड तेज आवाज में बजते हैं। हालत यह हो गए हैं कि अब लगने लगा है कि प्रशासन खुद ही भूल गया है कि जिले में आचार संहिता आगामी 6 जून तक प्रभावी है। मतदान के बाद जिला प्रशासन पुलिस और नगरीय प्रशासन पूरी तरह से रेस्ट मोड में चले गए हैं। शहर में क्या चल रहा है इससे प्रशासन को कोई सरोकार दिखाई नहीं दे रहा।
समस्या….अविनाश सिंह
9406725725