Home राजनीति छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव: कमलनाथ vs बीजेपी

छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव: कमलनाथ vs बीजेपी

दलबदल की राजनीति के साथ ही मुख्यमंत्री व मंत्रियों का डेरा

हर कीमत पर विधायकों को तोड़ने की कूटनीति

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा लोकसभा का चुनाव कांग्रेस वर्सेज बीजेपी न होकर कमलनाथ वर्सेस बीजेपी हो गया है। इस चुनाव में प्रत्याशियों की बात ही नहीं हो रही। यहां कमलनाथ का गढ़ ढहाने और कमलनाथ को कमजोर करने के लिए लगातार दलबदल की राजनीति के साथ ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों का आए दिन छिंदवाड़ा में डेरा इस तरफ इशारा कर रहा है कि बीजेपी कमलनाथ से चुनाव लड़ रही है। बात सही भी है हमेशा ही छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ कहने से इनकार करने वाली बीजेपी आखिरकार कमलनाथ को घेर कर और कमलनाथ को कमजोर कर चुनाव जीतने की फिराक में है। अब तक जितने लोग भाजपा में गए हैं वह सब कमलनाथ के करीबी बताए जाते हैं। आने वाले दो दिनों में भी कुछ सबसे करीबी लोग भाजपा में शामिल हो सकते हैं अब तो एक आदिवासी विधायक का नाम भी सुर्खियों में चल रहा है।
छिंदवाड़ा का चुनाव कमलनाथ विरुद्ध बीजेपी लड़ा जा रहा है यहां प्रत्याशियों की बात की ही नहीं जा रही नेता सीधे कमलनाथ पर इशारा साथ रहे मुख्यमंत्री एक सप्ताह में दो बार छिंदवाड़ा का दौरा कर चुके हैं इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक छिंदवाड़ा में कांग्रेसी नेताओं को तोड़ने हर कीमत में तैयार हैं।

क्यों नही ढहा पा रहे कमलनाथ का गड़ ?

कमलनाथ का गढ़ ढहाने के लिए पूरी मध्य प्रदेश सरकार छिंदवाड़ा में नजर आ रही है। मुख्यमंत्री के साथ ही कलस्टर प्रभारी कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गी प्रहलाद पटेल जैसे कद्दावर नेता लगातार छिंदवाड़ा में दौरा कर रहे हैं। आखिर क्या कारण है कि बीजेपी छिंदवाड़ा का यह गढ़ नहीं ढहा पा रही। इस बात का जवाब भी भाजपा नेता खुद ही देते नजर आ रहे हैं। पन्ना की एक सभा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने खुद कहा था की कमलनाथ के लिए पूरा प्रदेश छिंदवाड़ा ही है वह सारी योजनाएं और विकास की परियोजनाएं छिंदवाड़ा लेकर चले जाते हैं। यही कारण है कि छिंदवाड़ा वासी कमलनाथ को विकास पुरुष के रूप में देखते हैं। जिले में जब भी किसी विकास की बात आती है तो कमलनाथ का ही नाम सामने आता है। जबकि आज भी भाजपा नेता केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा चलाई गई योजनाओं के नाम पर ही चुनाव जीतने की कवायद में लगे रहते हैं। 20 साल की भाजपा सरकार में भी यहां से चुनाव लड़ने वाले भाजपा नेताओं के पास विकास के नाम पर कहने को कुछ नहीं है।

कहीं भारी न पड़ जाए दलबदल की राजनीति

छिंदवाड़ा में कई कांग्रेसी नेताओं का भाजपा में पलायन हुआ है और यह पलायन लगातार जारी है। कल भी एक सैकड़ो गाड़ियों का काफिला भोपाल के रास्ते जाने को तैयार है। और संभावना है कि चुनाव तक और भी एक दो लोग भाजपा का दामन थाम ले । लेकिन क्या कांग्रेसी नेताओं का भाजपा में जाना कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है या फिर भाजपा ही इस दल बदल के दलदल में फस रही है। इसका जवाब तो मतगणना के बाद ही सामने आएगा कि आखिर इतनी भारी मात्रा में कांग्रेसी नेताओं का भाजपा में पलायन कमलनाथ के घर को ढहाने में मदद करेगा या फिर ऊंट किसी और करवट बैठेगा।

विश्लेषण….अविनाश सिंह
9406725725