किसान मजदूर युवा को टिकट देने अड़ गए थे कमलनाथ
विधायक सुनील उइके, युवक कांग्रेस अध्यक्ष एकलव्य भी थे कतार में
राहुल गांधी ने की थी विक्रम की तारीफ
छिंदवाड़ा। अब यह खबर पुरानी हो गई की छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके के बीजेपी का दामन थाम लिया। लेकिन अब हम याद करते हैं 2022 के उस दौर को जब विक्रम अहके छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर बने थे। दरअसल बात है 2022 में हुए नगर निगम के चुनाव की जब कांग्रेस को एक आदिवासी नेता की आवश्यकता थी। जिसे महापौर बनने के लिए चुनाव मैदान में उतर जाता। उस समय कई बड़े नाम कमलनाथ के सामने थे जुन्नारदेव से विधायक सुनील उइके खुद चाहते थे कि वह इस्तीफा देकर नगर निगम का चुनाव लड़े और महापौर बने। इतना ही नहीं युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एकलव्य यहके भी इस कतार में शामिल थे।
लेकिन कांग्रेस ने टिकट दिया एक ऐसे किसान मजदूर युवक को जिनके पिता भी कृषि मजदूर थे और माता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थी। और ये था 30 साल का युवक विक्रम अहके। पूरे देश में 2022 में विक्रम अपनी इस छवि के कारण ट्रोल हुए और जब चुनाव के नतीजे सामने आए तो जनता ने एक सीधे-साधे युवक को अपने महापौर नगर के प्रथम नागरिक के रूप में चुना। लेकिन आज 1 अप्रैल 2024 को वही सीधे-साधे विक्रम आहके ने कमलनाथ को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। यह अप्रैल फूल वाली खबर नहीं है यह खबर सच है विक्रम ने कमलनाथ को छोड़ा जिन्होंने विक्रम को महापौर विक्रम बनाया आज वह भाजपा के पहले में है।
कमलनाथ ने शहर के लिए चुना एक सीधा सरल प्रत्याशी
2022 में जब महापौर पद के लिए प्रत्याशी की तलाश चल रही थी उस समय कई आदिवासी चेहरे कांग्रेस में इस कतार में थे। लेकिन कमलनाथ को शहर के लिए एक ऐसे युवक की तलाश थी। जो सीधा और सरल हो और जनता से सीधे संबंध बनाकर शहरी जिम्मेदारियां को निभा सके। यही कारण था कि जब कई जगह से दूसरे लोगों को टिकट देने की बात सामने आ रही थी तो कमलनाथ विक्रम के नाम पर अड़ गए थे की महापौर का टिकट एक सीधे और सरल व्यक्ति को ही मुझे देना है। जो जनता के साथ न्याय कर सके और भ्रष्टाचार में लिप्त न हो इस बात के गवाह छिंदवाड़ा के कई कांग्रेसी नेता है। और कमलनाथ की सोच रंग लाई यही कारण था कि विक्रम महापौर का चुनाव नगर निगम के ही एक अधिकारी के सामने चुनाव लड़कर जीत गए और भाजपा को 18 साल बाद हार का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी प्रभावित हुए की थी जमकर तारीफ
एक किसान मजदूर के महापौर बनने की खबर जैसे ही पूरे देश में ट्रोल हुई तो सब की नजरे छिंदवाड़ा की तरह उठ गई। मध्य प्रदेश में तो इस बात की तारीफ कई लोगों ने की। किसान मजदूर जंगलों से लड़कियां बिनने वाला युवक महापौर बन गया। शहर का प्रथम नागरिक बन गया। यह खबर जब राहुल गांधी तक पहुंची तो राहुल गांधी ने खुद छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके की भरसक तारीफ की थी। यह दौर था 2022 का और आज दौर है 2024 का जब कांग्रेस के महापौर विक्रम अहके के भाजपा के महापौर विक्रम आहके कहलाएंगे। जबकि शहर की जनता ने विक्रम को एक कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुना था।
विश्लेषण…..अविनाश सिंह
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