कमलनाथ जिनको वर्षों तक पोषित करते आए वही बन रहे विरोधी
दो विधायकों की भी भाजपा नेताओं से चल रही चर्चा
छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा विधायक कमलेश प्रताप शाह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वे अब वह भाजपाई हो गए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनके साथ पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष माधवी शाह और जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम भी भाजपा में शामिल हो गई। कमलनाथ के लिए यह बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।
अब तक ऐसे नेता भाजपा में जा रहे थे जिनका कोई जन आधार नहीं था। लेकिन दीपक सक्सेना के इस्तीफा देने के बाद बाजी उलटती नजर आ रही है। दीपक सक्सेना ने भी भाजपा में जाने की संकेत दिए हैं तो जिले का बड़ा आदिवासी चेहरा राजा कमलेश प्रताप शाह ने भाजपा का दमानी थाम लिया। अब लोकसभा चुनाव और ज्यादा रोचक मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। अब देखना है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं का यह पलायन किस करवट बैठता है।
दो और विधायक कतार में, चल रही चर्चा
कांग्रेस से भाजपा जाने वालों की कतार में अभी दो विधायक और शामिल हैं। दोनों ही आदिवासी विधायक भाजपा नेताओं के सतत संपर्क में हैं और संभावना है कि एक-दो दिन में कमलनाथ को और बड़ा झटका लग सकता है। यह पूरा खेल नकुलनाथ और कमलनाथ के सबसे करीबी रहे नेता ही खेल रहे हैं। इसके पहले भी सैयद जफर और जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके के करीबी लोगों ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। और अब संभावना है कि एक या दो विधायक और भाजपा में जा सकते हैं।
जिन्हे वर्षों तक पोषित किया वही खिलाफ में खड़े हो रहे
लोकसभा चुनाव 2024 में कमलनाथ को लगातार चुनौतियां मिल रही है। पहले कई करीबी नेता भाजपा में शामिल हो गए उसके बाद 45 साल साथ रहने वाले सबसे विश्वासपात्र दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं वादा करने के बाद भी नकुलनाथ की नामांकन रैली में शामिल नहीं हुए। दीपक सक्सेना के घर मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के दो कद्दावर नेता पहुंच गए। जिले के नेताओं की महत्वाकांक्षा अभी खत्म नहीं हुई है कमलेश शाह जा चुके हैं और दो विधायक अभी कतार में चल रहे हैं। कमलनाथ को यह चुनौतियां उम्र ऐसे पड़ाव में मिल रही है जबकि उन्हें उन लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत थी जिन्हें कमलनाथ वर्षों से पोषित करते चले आए लेकिन अब वही कमलनाथ के खिलाफ खड़े हैं।