पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना ने भी दिया कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा
कमलनाथ के करीबी नेता ही हो रहे शामिल, कार्यकर्ता भी पीछे नहीं
अविनाश सिंह (विश्लेषण)
छिंदावाड़ा। कमलनाथ का जिले से बाहर रहना, नकुलनाथ का लगातार जिले में दौरे करना भाजपा का अब तक चुनाव प्रचार में ना जुटना और लगातार कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाना। कहीं किसी बड़ी राजनैतिक फेरबदल की तरफ इशारा तो नहीं कर रहा। कहीं कांग्रेस नेताओं का यह भाजपा विलय बड़े धमाके की आहट तो नहीं। जिस तरह से कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं अचानक छिंदवाड़ा जिले के नेताओं का भाजपा में शामिल होने की बाढ़ आ गई है कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कई नामचीन चेहरों सहित हजारों कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कर लिया। तो 50 गाड़ियों का काफिला भोपाल रवाना हो गया है । भाजपा में शामिल होने वाले कई बड़े नाम जो अब तक कमलनाथ के करीबी माने जाते रहे वे सभी भाजपा की तरफ रुख कर रहे हैं।
अचानक आए इस भूचाल से अब छिंदवाड़ा में किसी बड़े राजनीतिक धमाके की संभावना बढ़ती दिखाई देने लगी है। और संभावना है कि जल्द ही जिले में यह धमाका भी हो जाएगा जिससे अब तक कई भाजपा और कांग्रेस नेता अनभिज्ञ है। नेताओं को पता ही नहीं है कि आने वाले 10 दिनों में जिले में क्या-क्या राजनीतिक उठा फाटक होने की संभावना दिखने लगी है।
बड़ी बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी की टिकट पहले ही घोषित हो चुकी थी लेकिन आज तक भाजपा प्रत्याशी युद्ध स्तर पर अपना चुनाव प्रचार शुरू नहीं कर पाए बाहर से आने वाले नेताओं के साथ ही भाजपा प्रत्याशी नजर आ रहे हैं और ज्यादातर समय में कांग्रेस के नेताओं को भाजपा में शामिल करने में व्यस्त है। जबकि नकुलनाथ लगातार पूरे जिले का दौरा कर रहे हैं कार्यकर्ताओं और लोगों से मुलाकातें कर रहे हैं।
करीबियों का भाजपा में जाना बड़ा रहा संदेह
कांग्रेस से भाजपा में जाना या बीजेपी से कांग्रेस में आना ज्यादा बड़ी बात नहीं है । यह सामान्य राजनीतिक घटनाक्रम है लेकिन जिस तेजी से कांग्रेसी नेता और खास तौर से अब तक कमलनाथ के करीबी और विश्वासपात्र माने जाने वाले नेता लगातार भाजपा में जाकर सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। यह बात कई आशंकाओं को जन्म देने लगी है कोयलाअंचल क्षेत्र के नेता सैयद जफर जिन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता का पद केवल कमलनाथ की बदौलत मिला, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसून श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी और कांग्रेसी विचारधारा के व्यक्ति, चंद्रभान देवर जैसे शहर के ऐसे नेता जो कभी भी कांग्रेस का दामन छोड़ने की सोच नहीं सकते थे। ऐसे नेता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इतना ही नहीं कमलनाथ के दिल्ली दौरे के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री और अब तक कमलनाथ के सबसे करीबी रहे दीपक सक्सेना ने जिस तरह से कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें को सही ठहराया था। उसके बाद उनके बेटे अजय सक्सेना के गुरुवार को बीजेपी ज्वाइन करने भोपाल जाने के बाद उन्होंने भी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। यह भी कहीं ना कहीं इन चर्चाओं में शामिल दिखाई दे रहे हैं। लगातार भाजपा में जाने वाले नेताओं को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि जिले में कांग्रेस को पूरी तरह से खाली किया जा रहा है और भाजपा को कांग्रेस मय बनाया जा रहा है। लगभग पूरे जिले से नेता भाजपा में जा रहे हैं या भेजे जा रहे हैं। यह सवाल अब सभी के जेहन में उठने लगे हैं।
नेता विहीन कांग्रेस और कांग्रेस मय भाजपा अभियान
छिंदवाड़ा जिले में जिस तरीके का राजनीतिक घटनाक्रम इन दिनों चल रहा है लोकसभा के चुनाव सिर पर है और धड़ाधड़ कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। जिस तेजी से यह काम हो रहा है उससे अब यह लगने लगा है कि यह एक ऐसा अभियान है जिसमें नेता मुक्त कांग्रेस और कांग्रेस मय भाजपा बनाने की तैयारी चल रही है। क्योंकि इसी तरह से कांग्रेस के नामचीन चेहरे भाजपा में आते रहे तो इनकी संख्या जिले भर के भाजपा नेताओं से ज्यादा हो जाएगी और लोकसभा चुनाव के बाद हालत यह बनेंगे की भाजपा, कांग्रेस मय हो जाएगी। और कांग्रेस के पास नेता ही नही होंगे।