Home राजनीति दलबदल – मनोज गए, चुनमुन – चंद्रभान देवरे भोपाल में

दलबदल – मनोज गए, चुनमुन – चंद्रभान देवरे भोपाल में

शहर से गायब हैं कई युवा नेता, फूल रही नेता जी की सांसे

कमलनाथ – दीपक सक्सेना का साथ छूटने की आशंका भी बनी

छिंदवाड़ा। कमलनाथ के गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा में एन लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने का सिलसिला लगातार जारी है। बीती रात कमलनाथ और दीपक सक्सेना के सबसे करीबी रहे मनोज सक्सेना ने भाजपा का दामन थाम लिया अब खबर यह है की पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रोटेम स्पीकर रहे दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय चुनमुन सक्सेना भी भोपाल में भाजपा का गमछा पहनने वाले हैं। हो सकता है कि कुछ देर में यह खबर भी सामने आ जाए चुनमुन सक्सेना बुधवार से ही भोपाल में डेरा जमाए हुए।
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गी के छिंदवाड़ा दौरे के दौरान शहर और जिले के कई कांग्रेसी नेता जो अब तक शिकारपुर में कमलनाथ के साथ नजर आते थे और खुद को बड़ा कांग्रेसी नेता बताते थे वह भाजपा में शामिल हो गए।

अमरवाड़ा क्षेत्र से सहवाल खान ने भगवा गमछा पहन लिया इतना ही नहीं उन्हें भाजपा ने अमरवाड़ा का चुनाव प्रभारी भी बना दिया है। यही हाल छिंदवाड़ा शहर का भी है कमलनाथ के वर्षों के कार्यकाल में सत्ता सुख भोगने वाले कई नेता भी भाजपा में जा रहे हैं। जुन्नारदेव विधायक के सबसे करीबी रोमी राय भी गुपचुप भाजपा में शामिल हो गए बुधवार की रात मनोज सक्सेना और विजेंद्र व्यास ने भाजपा का दामन थाम लिया।

अब भोपाल से कुछ देर में या खबर भी सामने आ सकती है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय सक्सेना ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। उनके साथ नगर निगम के अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चंद्रभान देवर भी भाजपा में जा सकते हैं। शहर के कई युवा नेता भी गायब नजर आ रहे हैं। जिससे नेताजी की सांसे फूली हुई हैं।

क्या टूट जायेगी कमलनाथ – दीपक सक्सेना की जोड़ी

दल बादल की इस राजनीति के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री और 2018 में कमलनाथ के लिए अपनी विधानसभा सीट छिंदवाड़ा छोड़ने वाले कद्दावर नेता दीपक सक्सेना के भी भाजपा में जाने की अटकलें जोरों पर है। उनका बेटा भाजपा में जा ही रहा है तो क्या कमलनाथ और दीपक सक्सेना की बरसों पुरानी जोड़ी अब टूट जाएगी। क्योंकि दीपक सक्सेना पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि उन्हें भी भाजपा में जाने से कोई गुरेज नहीं है। दीपक सक्सेना का भाजपा में जाना कमलनाथ के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है अब देखना यह है कि छिंदवाड़ा की राजनीति इस लोकसभा चुनाव में क्या रंग दिखाती है।