Home Blog विधायक की स्वेच्छा अनुदान निधि के भरोसे कांग्रेस नेता !

विधायक की स्वेच्छा अनुदान निधि के भरोसे कांग्रेस नेता !

ऐसे गरीब नेताओं के भरोसे चल रही कमबैक की तैयारी

स्वेच्छा अनुदान निधि पाने वाले 1500 से ज्यादा

छिंदवाड़ा । छिंदवाड़ा कांग्रेस अभी लोकसभा चुनाव में करारी हार के सदमे से उबर भी नहीं पाई है और कमलनाथ और नकुलनाथ कमबैक की तैयारी में लगे है। लेकिन नेताओं के कम बैक की यह तैयारी ऐसे गरीब नेताओं के भरोसे चल रही है। जो विधायक निधि की स्वेच्छा अनुदान राशि के भरोसे बैठे हैं। मामला सुनने में अजीब है लेकिन यह सच है की छिंदवाड़ा के कई बड़े-बड़े कांग्रेसी नेताओं के नाम छिंदवाड़ा विधायक कमलनाथ की स्वेच्छा अनुदान निधि की लिस्ट में मौजूद है। जिन्होंने स्वेच्छा अनुदान निधि से जरूरतमंदों को मिलने वाली राशि का लाभ उठाया है। हालांकि यह लाभ 10000, 15000 ही है। लेकिन फिर भी इन गरीब नेताओं को इतनी आवश्यकता है कि इन्होंने कमलनाथ की विधायक निधि से स्वेच्छा अनुदान राशि प्राप्त कर ली।

इनमें दो नाम तो ऐसे हैं जो कि वर्षों से कांग्रेस के पदाधिकारी रहे हैं। या उनके पिता कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं और वह खुद 20 लाख रुपए से महंगी गाड़ी में घूमते हैं। उसके बाद भी उनका नाम स्वेच्छा अनुदान निधि की लिस्ट में 15000 की सहायता प्राप्त करने वालों में शुमार है। शहर कांग्रेस के नेता और फिलहाल शहर कांग्रेस के अध्यक्ष पप्पू यादव के बेटे के नाम से दो बार स्वेच्छा अनुदान निधि से राशि निकाली गई जो कि लगभग 20000 रुपए है। इतना ही नहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे स्वर्गीय प्रदीप सक्सेना के बेटे प्रबल सक्सेना का नाम भी इस स्वेच्छा अनुदान निधि की लिस्ट में मौजूद है। उन्होंने भी 15000 रुपए की सहायता कमलनाथ के विधायक निधि के फंड से ली है। और भी ऐसे कई नाम मौजूद है जिन्हें सुनकर आप चौंक जाएंगे आने वाले एपिसोड में हम जरूर ऐसे लोगों के नाम उजागर करेंगे जिन्होंने कमलनाथ की विधायक निधि का फायदा जरूरतमंद और गरीब बनाकर उठाया ह

लोकसभा चुनाव के बाद से नेताओं का कोई मूवमेंट नहीं

छिंदवाड़ा कांग्रेस के हाल यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद से चार बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और जिले के पूर्व सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा आ चुके है। लेकिन दोनों नेताओं के छिंदवाड़ा में कार्यक्रम और जिले में दौरे को छोड़ दिया जाए तो अन्य कांग्रेसी नेताओं का कोई खास योगदान पिछले 8-10 महीना में छिंदवाड़ा में देखने को नहीं मिला। ना किसी बात का विरोध जताया गया और ना यह दिखाने की कोशिश की गई की छिंदवाड़ा में विपक्ष जिंदा है। हमेशा से कमलनाथ के भरोसे राजनीति करने वाले नेता बैक फुट पर बैठे नजर आए । एकमात्र नगर निगम अध्यक्ष का अविश्वास प्रस्ताव छोड़ दिया जाए तो छिंदवाड़ा में कांग्रेस की कोई भी मूवमेंट इन दिनों में नजर नहीं आया। और अविश्वास प्रस्ताव में भी केवल सोनू मागों की मेहनत के भरोसे अध्यक्ष का पद कांग्रेस बचा पाई । जबकि अन्य कांग्रेसी नेता हाशिए पर बैठे कमलनाथ और नकुलनाथ के निर्देशों की बांट जोहते नजर आ रहे हैं। इन हालात में कांग्रेस का कमबैक फिलहाल तो मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसा कहीं दिखाई नहीं पड़ता की नेता छिंदवाड़ा में कांग्रेस को वापस खड़ा करने की कोई भी कवायद कर रहे हैं।

स्वेच्छा अनुदान निधि से लाभ लेने वाले और भी कई नेता

कमलनाथ की विधायक निधि के स्वेच्छा अनुदान मद से लाभ लेने वालों में केवल दो नाम ही नहीं हैं। 1500 से ज्यादा नाम की लिस्ट में ऐसे दर्जन भर से ज्यादा नाम है जो नेता नाम चिन है । और कई वर्षों से राजनीति कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस लिस्ट में ऐसे नेताओं के भी नाम है जो कांग्रेस में बड़ा दमखम रखने का दावा करते हैं। लेकिन इन नेताओं ने भी स्वेच्छा अनुदान निधि से लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । स्वेच्छा अनुदान निधि की लिस्ट देखने पर ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के नेता अब केवल कमलनाथ की स्वेच्छा अनुदान निधि के भरोसे बैठे हैं । अब तक कमलनाथ 48 लाख से ज्यादा रुपए स्वेच्छा अनुदान निधि में बांट चुके हैं। जिनमें कई नेताओं ने लाभ उठाया है उनके नाम अगले एपिसोड में उजागर करने पड़ेंगे तभी लोगों को पता चलेगा कि आखिर कौन से नेता स्वेच्छा अनुदान निधि के भरोसे राजनीति कर रहे हैं।

राजनैतिक विश्लेषण….कांग्रेस
…..अविनाश सिंह
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