4 लाख से ज्यादा वोटो से जीती प्रियंका वाड्रा
संसद में गांधी नेहरू परिवार के तीन सदस्य
छिंदवाड़ा। देश के दो राज्यों में महत्वपूर्ण चुनाव संपन्न हुए इसके साथ ही दो संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव भी हुए । जिसमें से एक संसदीय क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण था जिसमें सरकार में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी सीट छोड़ी और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा पहली बार किसी चुनाव में शामिल हुई । चुनाव लड़कर उन्होंने चार लाख 10 हजार से ज्यादा वोट से जीत हासिल की। लेकिन पूरा अखबार खंगालने के बाद भी प्रियंका वाड्रा अखबार में कहीं नजर नहीं आई। खैर यह अखबार की अपनी पॉलिसी हो सकती है या शायद प्रियंका वाड्रा को अखबार के विश्लेषक भूल गए। हालांकि ऐसा संभव नहीं है क्योंकि बड़े अखबार जिसमें देश के विख्यात पत्रकार काम करते हैं। वहां किसी भूल की संभावना कम ही है । महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा और भाजपा गठबंधन की शानदार जीत हुई है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना शिंदे ने बेहतर प्रदर्शन किया है। बल्कि इस बार एनसीपी अजीत ने भी लोकसभा चुनाव से ज्यादा अपने आप को स्थापित साबित किया है। इस चुनाव से कई बड़े नेताओं का करियर भी खत्म होता नजर आने लगा है। महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी और संभावना यह है कि इस बार फिर से देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने । हालांकि यह भाजपा गठबंधन तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा।
झारखंड में आदिवासियों की ताकत बने सोरेन
झारखंड के चुनाव अप्रत्याशित रहे हैं। यहां भाजपा ने घुसपैठ जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया और भर्षक प्रयास किया कि राज्य के आदिवासी इन मुद्दों पर वोट करें । लेकिन हेमंत सोरेन सबसे बड़े आदिवासी चेहरा बनकर उभरे जिन्होंने विपक्ष को करारी शिकस्त दी और एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। इस बार उनकी पत्नी भी चुनाव जीती है यह सभी विश्लेषण आज सुबह अखबारों में है। लेकिन जो नजर नहीं आया वह है प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव का विश्लेषण हालांकि इससे पहले भी वायनाड सीट कांग्रेस की ही थी और राहुल गांधी खुद इस सीट से सांसद थे। लेकिन बाद में उन्होंने गांधी परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली को चुना और वायानाड से इस्तीफा दिया। जहां से प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव लड़ा।
राहुल से कम वोट मिले लेकिन जीत का अंतर ज्यादा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को वायनाड लोकसभा उपचुनाव में चार लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया। वाड्रा (52) ने छह लाख से अधिक वोट हासिल कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को हराया। मोकेरी को 2,11,407 जबकि तीसरे स्थान पर रहीं भाजपा की उम्मीदवार नव्या हरिदास को 1,09,939 वोट मिले। कम मतदान के कारण प्रियंका गांधी को 6,22,338 वोट मिले जो अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में उनके भाई राहुल गांधी को मिले 647,445 वोटों से कम है। हालांकि उन्हें 410,931 मतों अंतर से जीत मिली, जबकि राहुल को 364,422 वोटों से जीत हासिल हुई थी। प्रियंका की जीत के साथ, दशकों में पहली बार, नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य- सोनिया, राहुल और प्रियंका- अब संसद सदस्य हैं।
चुनावी विश्लेषण…वायनाड
…अविनाश सिंह
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