परासिया नगर में एक निजी भूमि का मामला
बिना अनुमति पेड़ काटे, खुलेआम किया परिवहन
छिंदवाड़ा। सरकार ने इस साल एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाकर पूरे मध्य प्रदेश में 6 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है । यहां छिंदवाड़ा जिला प्रशासन भी हर दिन एक पेड़ मां के नाम अभियान के नाम पर लाखों पेड़ लगा रहा है। हर दिन स्कूलों से बच्चे बुलाकर पौधारोपण किया जाता है। लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन की नाक के नीचे पेड़ों की कटाई खुलेआम चल रही है। इस बार मामला है परासिया नगर का जहां एक तीन एकड़ निजी भूमि में लगे सैकड़ो पेड़ों पर बिना अनुमति कुल्हाड़ी चल गई और पेड़ काटने वालों ने खुलेआम इसका परिवहन भी किया। लेकिन शिकायत के बाद ही भी राजस्व विभाग, नगर पालिका ने और न वन विभाग ने इस मामले में कोई कार्रवाई की। यह मामला परासिया नगर का है जहां चांदामेटा मार्ग पर 3 एकड़ भूमि में लगे सैकड़ो पेड़ों को काट दिया गया। वर्षों पुराने इन पेड़ों को काटकर खुलेआम इसका परिवहन भी किया गया। लेकिन क्षेत्र के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने जानकारी होने के बाद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं की। पेड़ काटने वालों ने न सिर्फ पेड़ काटे बल्कि इस भूमि से जड़ों को भी निकाल लिया गया। बड़ी बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति आवश्यक है। और बिना अनुमति निजी भूमि पर भी पेड़ नहीं काटे जा सकते । लेकिन जमीन के मालिकों ने जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार को ठेंगा दिखाते हुए खुलेआम पेड़ काट लिए और उसका परिवहन भी कर लिया है।
किस तरह काटे गए हरे भरे पेड़ देखें…
एक साथ नही मिलती इतने पेड़ काटने की अनुमति
परासिया नगर में निजी भूमि पर पेड़ काटने का जो मामला सामने आया है। उसमें यह जानकारी भी मिली है कि पेड़ों की संख्या सैकड़ो में थी। जिसका परिवहन ट्रकों में भरकर लगातार किया जा रहा है। इन पेड़ों को काटने के लिए जमीन के मालिक को जिला प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक था। उसके बाद ही पेड़ काटे जा सकते थे। लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में वर्षों पुराने पेड़ों को काटने के लिए जिला प्रशासन भी एक साथ अनुमति नहीं देता और पूरी जमीन खाली करने के लिए जमीन के मालिक को कई साल लग जाते। यही कारण है कि क्षेत्रीय अधिकारियों से सांठ गांठ कर जमीन के मालिक ने एक साथ पूरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी। और दिनदहाड़े कटाई कर पेड़ों को धराशाई कर दिया अब वहां से पेड़ों के निशान मिटाने के लिए जड़ों को भी खोदकर निकाला जा रहा है।
50 मीटर दूरी पर है फॉरेस्ट का रेंज कार्यालय
जिला प्रशासन के एक पेड़ मां के नाम अभियान में पूरे जिले के सभी विभागों को शामिल किया गया है। पेड़ों की कटाई रोकने के लिए सबसे जिम्मेदार वन विभाग को सबसे ज्यादा पेड़ लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई । लेकिन परासिया में जिस जगह सैकड़ो पेड़ों को धराशाई कर दिया गया वह निजी भूमि परासिया रेंज कार्यालय से केवल 50 मीटर की दूरी पर स्थित है । ऐसा भी रही है कि वन विभाग को इसकी सूचना न हो दिनदहाड़े कटर से की गई पेड़ों की कटाई के दौरान वन विभाग को इसकी सूचना भी दी गई। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने सूचना मिलने के बाद भी पेड़ों की कटाई रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इस कटाई की सूचना तहसीलदार को भी दी गई लेकिन तहसीलदार ने भी उच्च अधिकारियों का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। बाद में सूचना देने वालों ने नगर पालिका को भी इसकी सूचना दी लेकिन नगर पालिका ने भी पल्ला झाड़कर इस पेड़ कटाई के मामले से किनारा कर लिया। सभी जिम्मेदार अधिकारियों के इस मामले से किनारा करने के बाद यह बात साफ हो गई है कि राजस्व, वन विभाग और नगर पालिका तीनों ही विभागों के अधिकारियों ने इस पूरे मामले में सांठ गांठ कर रखी है।
Episode – 1… अविनाश सिंह
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