शहर के अस्पतालों में हार्ट की बीमारी के नाम पर मची लूट
कैंसर के मरीज इलाज के लिए नागपुर मुंबई पर निर्भर
छिंदवाड़ा। जिले में तेजी से कैंसर और हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सरकार ने भी इस बार बजट में यह माना है कि कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते सरकार ने पहले से कैंसर की 83 तरह की दवाओं की कीमत कम की है। और इस बार बजट में कैंसर की मुख्य तीन दवाओं की कीमत भी कम की गई है। लेकिन जिले में कैंसर के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि दवाओं का नियंत्रण सीधे-सीधे उन संस्थाओं के हाथ में है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज करते हैं। इस मामले में जिले के सांसद विवेक बंटी साहू ने वादा किया है कि जिले में बन रहे एम्स हॉस्पिटल से कैंसर और हार्ट की यूनिट में कहीं नहीं जाने देंगे। दरअसल पत्रकारों से बजट पर चल रही चर्चा के दौरान नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू ने सरकार की कैंसर को लेकर नीतियों पर चर्चा शुरू की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही 83 दवाओं की कीमतें कम किया है। और इस बजट में कैंसर के तेजी से बढ़ते मरीजों को देखते हुए तीन दवाओं की कीमतें और कम की गई हैं। कैंसर के जिले में इलाज के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर संसद विवेक बंटी साहू ने कहा कि जिले में बन रहे सिम्स हॉस्पिटल से कैंसर और हार्ट का यूनिट वे कहीं नहीं जाने देंगे । सांसद के इस जवाब के बाद अब सिम्स में कैंसर और हार्ट जैसी गांबीर बीमारियों के इलाज की संभावनाएं बढ़ गई। हालांकि कमलनाथ सरकार ने 1200 बिस्तर के सिम्स हॉस्पिटल में कैंसर हार्ट और न्यूरो की विशेष यूनिट बनाए जाने की स्वीकृति दी थी जिसे बाद में भाजपा सरकार ने हटा दिया है।
कैंसर का बन रहा था स्पेशल यूनिट, पूरा उपचार होता उपलब्ध
2018 में प्रदेश में बनी कमलनाथ सरकार ने छिंदवाड़ा में 1200 बिस्तर का एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेडिकल से संबद्ध कर स्वीकृत किया था। इस अस्पताल में सभी तरह की बीमारियों के इलाज के साथ-साथ विशेष रूप से कैंसर के लिए एक स्पेशल यूनिट तैयार किया जाना था। कमलनाथ सरकार की योजना के अनुसार सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बेसमेंट में कैंसर का एक स्पेशल यूनिट बनना था। जो कैंसर के मरीजों के लिए सर्व सुविधा युक्त बनाया जाना था। इस यूनिट में कैंसर की जांच से लेकर हर तरह के उपचार और ऑपरेशन तक की सुविधा सिम्स अस्पताल छिंदवाड़ा में उपलब्ध होती। लेकिन बाद में कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सरकार ने 1200 बिस्तर के सिम्स हॉस्पिटल में कटौती कर केवल 600 बेड का अस्पताल ही रहने दिया । जो वर्तमान में आकर ले रहा है। इसके अलावा छिंदवाड़ा सिम्स अस्पताल से कैंसर यूनिट, हार्ट यूनिट और न्यूरो यूनिट को पूरी तरह से हटा दिया गया। इन बीमारियों का केवल सामान्य उपचार ही सिम्स हॉस्पिटल में होगा जबकि पहले इन तीनों यूनिट में पूरा इलाज संभव था। अब जिले के सांसद विवेक बंटी साहू से उम्मीद जागी है की वे फिर से कैंसर यूनिट स्वीकृत कराएंगे।
हार्ट की बीमारी के नाम पर शहर के अस्पतालों में लूट
शहर में हार्ट यूनिट की भी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इसका कारण यह है कि पहले तो लोग नागपुर जाकर अपने हार्ट संबंधी बीमारियों का बेहतर इलाज कर पाते थे । लेकिन अब मरीजों को बेवकूफ बनाने के लिए शहर के चकाचौंध भरे कई निजी अस्पताल हार्ट की बीमारी का उपचार करने के साथ-साथ हार्ट के मरीजों का ऑपरेशन तक कर रहे हैं। और कई मामले ऐसे हैं जिसमें शहर के नाम चिन अस्पतालों में हार्ट के ऑपरेशन फेल हुए हैं। लेकिन फिर भी हार्ट की बीमारी के नाम पर शहर के अस्पताल जिले के लोगों को पूरी तरह से लूट रहे हैं। इन अस्पतालों में ना ही डाक्टर उपलब्ध है और ना ही हार्ट के मरीज की विशेष सेवा करने वाले कर्मचारी मौजूद है । उसके बाद भी अस्पताल हार्ट का इलाज और एंजियोग्राफी करने के साथ-साथ एनजीओ प्लास्टी तक कर रहे हैं। जबकि इन अस्पतालों के पास हार्ट का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर मौजूद नहीं है। लेकिन नागपुर से डॉक्टर बुलाकर हार्ट के मरीजों के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। शहर के दो बड़े अस्पतालों में लगातार हार्ट के मरीजों के साथ लूट मची पड़ी है। ऐसे कई मामले हैं जिनमें अस्पतालों ने मरीजों के साथ खिलवाड़ किया है।
जिले की मांग…अविनाश सिंह
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