हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई सबने किया बंद का समर्थन
सिवनी वालों का विरोध इतना तगड़ा की हटाने पड़े कलेक्टर – एसपी
छिंदवाड़ा / सिवनी। गौ रक्षा, गौ माता संरक्षण, और गौ माता के सम्मान की सही मिशाल सिवनी जिले वालों ने प्रस्तुत की है। हफ्ते भर पहले सिवनी जिले के आसपास के क्षेत्र में लगभग 80 गौवंश की निर्मम हत्या कर संहार किया गया। इस घटना को पहले ना ही प्रशासन ने गंभीरता से लिया था और ना ही मध्य प्रदेश सरकार ने। लेकिन सिवनी जिले वालों के विरोध के आगे मध्य प्रदेश सरकार को भी नतमस्तक होना पड़ा। सिवनी जिले के हर बच्चे, हर बड़े, हर वर्ग और हर समाज के व्यक्तियों ने इस गोवंश संहार का जो विरोध जताया। उस विरोध ने मध्य प्रदेश शासन को तक हिला कर रख दिया। मध्य प्रदेश शासन को इस सिवनी बंद के दौरान किए गए विरोध प्रदर्शन के चलते सिवनी के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटना पड़ा। इतना ही नहीं आधी रात में कलेक्टर एसपी को हटाने के बाद तत्काल ही सिवनी में नए कलेक्टर और एसपी की पद स्थापना भी कर दी गई। यहां तक कि पिछले चार दिनों से पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी सिवनी में डेरा जमाए बैठे हैं। यह संभव हो पाया है सिवनी जिले के हिंदू , मुसलमान, सिख और ईसाई के एकजुट होने के कारण। दरअसल गौवंश संहार के बाद जैसे ही इस बात की खबर सिवनी जिला वालों को चली तो हर किसी ने इस बात का विरोध जताया। कि इतनी निर्दयता से गोवंश की हत्या करना घोर अपराध है। इस बात को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस तो आरोपियों की तलाश में जुट गए और मामले को इतनी गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन सिवनी जिले वासियों ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन करते हुए सिवनी बंद का ऐलान कर दिया। यह बंद इतना सफल हुआ कि यहां विरोध प्रदर्शन की एक मिशाल प्रस्तुत कर दी गई। सिवनी जिले में बंद के दौरान एक चाय की टपरी भी नहीं खुली। ना किसी हिंदू ने अपनी दुकान खोली और ना किसी मुसलमान ने। इस विरोध ने मध्य प्रदेश शासन की आंखें खोल दी की गोवंश संरक्षण की बात करने वाली सरकार ने इस तरफ अब तक ध्यान क्यों नहीं दिया। आनन – फानन में कलेक्टर एसपी को हटा दिया गया और मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश जारी हुए।
सच्चा विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शन के नाम पर राजनीति
किसी दुर्दांत घटना पर विरोध प्रदर्शन करना और इस विरोध प्रदर्शन में सच्चाई से पालन करना बड़ी बात है। क्योंकि आजकल जिस तरीके से कई संगठन विरोध प्रदर्शन की बात करते हैं और फिर दिखावा करके उसे विरोध प्रदर्शन को खत्म कर देते हैं। यह बात सिवनी जिले में हुए विरोध प्रदर्शन में देखने को नहीं मिली। सिवनी बंद के दौरान कहीं हिंसा नहीं हुई। किसी तरह का कोई तोड़फोड़ नहीं की गई और ना ही किसी को कोई नुकसान पहुंचाया गया। यह विरोध प्रदर्शन गौ माता के सम्मान में पूरे जिले वालों ने एकमत होकर किया और उसके परिणाम भी निकले। लोग आज महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन जैसे कामों को नजरअंदाज करते हैं। लेकिन मौन रहकर और विरोध प्रदर्शन के अलग-अलग शांतिपूर्ण तरीके अपनाकर भी सरकार को यह बताया जा सकता है कि जो हुआ है वह गलत है। लेकिन कई लोग विरोध प्रदर्शन के नाम पर केवल दिखावा और राजनीति करते हैं। विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया और फिर राजनीति करने के लिए उस विरोध प्रदर्शन को खत्म कर दिया । ऐसे कई मामले देखने में आते हैं जिसमें विरोध प्रदर्शन के नाम पर केवल राजनीति होती है।
छिंदवाड़ा – पांडूर्णा जिला गौवंश तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र
गोवंश की रक्षा और गोवंश संरक्षण जैसी बातें केवल इतने बड़े गोवंश संहार के बाद ही होनी चाहिए। ऐसा नहीं है दरअसल हम बात करें गोवंश तस्करी की तो छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिला गोवंश तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र है। भोपाल के रास्ते, बैतूल के रास्ते, सिवनी जिले के रास्ते, नरसिंहपुर जिले के रास्ते, लावाघोगरी थाना क्षेत्र, पांढुर्णा थाना क्षेत्र और सौसर थाना क्षेत्र सहित जिले के कई थाना क्षेत्र से होकर ट्रकों से गोवंश हर दिन गुजरता है। लेकिन गोवंश तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई करने की बात करने वाली पुलिस केवल दिखावा करती नजर आ रही है। कभी कभार एक दो ट्रक पकड़े जाते हैं। और खानापूर्ति कर जाती कर दी जाती है। जबकि आलम यह है कि हर दिन दर्जनों ट्रक जिले छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले की सीमा से महाराष्ट्र ले जाये जाते हैं। बड़ी बात यह है की हर दिन आधी रात तक बॉर्डर के थानों की पुलिस जांच के नाम पर खड़ी नजर आती है। और इसी दौरान दर्जनों गोवंश के ट्रक जिले की सीमा को पार कर निकल जाते हैं। आखिर यह ट्रक क्यों नहीं पकड़े जाते यह सवाल उन संगठनों को जरूर उठाना चाहिए जो गोवंश संरक्षण की बात करते हैं।
क्या जिला प्रशासन बंद कराएगा गौवंश तस्करी ?
रविवार को छिंदवाड़ा के हिंदूवादी संगठनों ने एकजुट होकर सिवनी में हुए गोवंश संहार का विरोध जताने के लिए बंद का ऐलान किया था। देर रात तक इस मामले में कई तरह की बातें चलती रही। आखिरकार पता चला कि जिस बंद का ऐलान किया गया था उसे स्थगित कर दिया गया है। कारण सामने आया की जिला प्रशासन और पुलिस हिंदू संगठनों को इस बात के लिए मनाने में सफल हो गई की सिवनी में हुए गोवंश संहार के मामले में उचित कार्रवाई की जा चुकी है और जांच जारी है। इसलिए विरोध प्रदर्शन और बंद करने का कोई औचित्य नहीं है। लेकिन जिस जिला प्रशासन ने हिंदू संगठनों का बंद स्थगित करवाया क्या वही जिला प्रशासन छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले की सीमा से गुजरने वाले गोवंश तस्करी को रोक पाएगा। यह सवाल अब बंद को स्थगित करने के बाद शहर के हर शहरी के दिमाग में कौंध रहा है। क्योंकि हर दिन दर्जन भर ट्रक मवेशी छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले की सीमा से गुजरते हैं। यह काम पिछले कई वर्षों से चल रहा है। और आगे भी चलता रहेगा। तो क्या जिला प्रशासन इस गौवंश तस्करी को रोकने के लिए कभी कोई प्रभावी कदम उठाएगा यह बड़ा सवाल गौवंश संहार के बाद आम शहरियों और बुद्धिजीवियों में उठने लगा है।
घटनाक्रम विश्लेषण…अविनाश सिंह
9406725725
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