Home अपराध एसएएफ के दो जवानों की संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या !

एसएएफ के दो जवानों की संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या !

वीआईपी रोड पर साथ में बैठकर पी थी बियर, ग्लास में सल्फास की गंध

विवांता अस्पताल ने पुलिस को सूचना दिए बिना परिजनों को दे दिया शव

छिंदवाड़ा। आठवीं बटालियन एसएएफ के दो जवानों की अलग-अलग अस्पतालों में संदिग्ध मौत हो गई। दोनों जवानों ने शनिवार की रात साथ में बैठकर बीयर पी थी और उसके बाद देर रात उनकी हालत बिगड़ी। जिस पर दोनों जवानों के परिजनों ने उन्हें अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी मृत्यु हो गई। मरने वालों में एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक शामिल है। दोनों ही गहरे मित्र भी बताए जा रहे हैं। एसएएफ आठवीं बटालियन छिंदवाड़ा में पदस्थ प्रधान आरक्षक धनीराम उईके और आरक्षक प्रेमलाल काकोडिया दोनो ही मंडला जिले के निवासी हैं। शनिवार और रविवार के दरमियान संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। एक जवान ने शहर के निजी अस्पताल आरोग्य हॉस्पिटल में दम तोड़ा और दूसरे ने निजी अस्पताल विवांता अस्पताल में दम तोड़ा है। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर पड़ताल शुरू कर दी है। की आखिर दोनो को मौत कैसे हुई।

बीयर की केन के साथ मिले स्टील के ग्लासों से आ रही सल्फास की गंध

घटना की सूचना मिलते ही शहर में हड़कंप मच गया और पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की। इस दौरान जब प्रधान आरक्षक की गाड़ी की डिक्की की तलाशी ली गई तो उसमें बियर की दो केन और दो स्टील के गिलास बरामद किए गए। स्टील के गिलासों से सल्फास नामक जहर की गंदा रही है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों जवानों की मौत इसी जहर के कारण हुई है। हालांकि दोनों को उनके परिजन अलग-अलग समय पर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उन्होंने गंभीर हालत में दम तोड़ दिया। मामला तब खुला जब आरोग्य अस्पताल ने संदेहास्पद जहर से मृत्यु होने की सूचना पुलिस को दी तब पुलिस एक्टिव हुई।

क्या कहते हैं कोतवाली टीआई उमेश गोल्हानी….

जवानों ने जहर पिया या पिलाया गया उलझा मामला

एसएएफ के जिन दोनों जवानों की मौत हुई है वह आपस में गहरे मित्र बताए जाते हैं। जो अक्सर साथ में शराब पीते थे। दरम्यानी रात भी दोनों ने वीआईपी रोड स्थित सीईओ बंगले के पास गाड़ी खड़ी कर साथ में शराब पी। लेकिन उनके गिलासों में जहर कहां से आया यह बात संदेहास्पद बन गई है। कि आखिर दोनों जवानों बियर में मिलाकर जहर का सेवन किया और अपनी ईह लीला समाप्त कर ली। या फिर उन्हें किसी ने जहर दिया है जिसके कारण उनकी मौत हुई है। इस बात को लेकर अब सघन जांच शुरू की जा सकती है। हालांकि पुलिस से पहले ही दोनों के द्वारा आपस में जहर पीने का मामला मान रही है। टीआई उमेश गोल्हानी के बयानों से यह बात जाहिर हो रही है कि टीआई इस मामले को हत्या के एंगल से जोड़कर नहीं देख रहे हैं।

विवांता अस्पताल ने नही दी मौत की सूचना, शव गांव ले जा रहे थे परिजन

दो जवानों की संदिग्ध मौत के मामले में दोनों ही जवानों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती किया गया। आरक्षक को देर रात आरोग्य अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हुई। इस बात की सूचना पुलिस को दी गई। वही प्रधान आरक्षक को सुबह विवांता अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। संदेहास्पद मौत होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इस बात की जानकारी पुलिस को नहीं दी। और मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया। परिजन भी शव को लेकर अपने गांव मंडला के लिए निकल चुके थे। लेकिन जब पुलिस को एक और जवान के साथ होने की खबर मिली तो उन्होंने पड़ताल शुरू की। तब पता चला कि उसकी भी मौत हो गई है। और परिजन उसका शव लेकर गांव के लिए निकल गए हैं। कोतवाली पुलिस ने आधे रास्ते से शव को वापस बुलवाया है। दोनों ही शव जिला अस्पताल के मार्चुरी में रखे गए हैं जिनका पीएम डॉक्टरों की टीम के द्वारा किया जाएगा।

क्राइम न्यूज…अविनाश सिंह
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