अधिकारियों का दावा एक महीने पहले हुआ पेस्ट कंट्रोल
हर तीन महीने में पेस्ट कंट्रोल करने का ठेका प्राइवेट कंपनी को
छिंदवाड़ा। इन दिनों जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां इलाज को लेकर तो हर बार आरोप प्रत्यारोप लगाते ही रहते हैं । इस बार जिला अस्पताल इस बात को लेकर सुर्खियों में है कि यहां पूरे जिला अस्पताल में चूहे और अन्य कीट पतंग का राज चल रहा है। पलंग पर सोए मरीजों के पर चूहे को कुतर रहे हैं और जिला अस्पताल के वार्डों में खुलेआम धमा चौकड़ी कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि एक महीने पहले ही जिला अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल किया गया लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जिला अस्पताल में भर्ती मरीज पेस्ट कंट्रोल का सच बयां कर रहे हैं कि आखिर एक महीने पहले पेस्ट कंट्रोल होने के बाद भी चूहे मरीजों के पैर कैसे उतर रहे हैं। यह मामला सिर्फ इतना ही नहीं है बल्कि जिला अस्पताल की साफ सफाई और हाइजीन को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जब जिला अस्पताल के वार्डों में कीट पतंगे कॉकरोच चीटियां और चूहे धमा चौकड़ी मचा रहे हैं। तो मरीज को हाइजीन कैसे उपलब्ध कराए जा रहा हैं। और संक्रमण से कैसे बचाया जा रहा है।
सुनिए क्या कहते हैं अधिकारी और मरीज…
गंदगी लाते हैं चूहे और कॉकरोच, संक्रमण का खतरा
चूहे और कॉकरोच अक्सर गंदगी में पलते हैं। चूहे तो नालियों से होते हुए जिला अस्पताल जैसे संस्थान के टॉयलेट और गंदगी से वार्डों में पहुंच रहे हैं। यह एक बड़ा मुद्दा तो यह है कि यह चूहे मरीजों को नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि यही चूहे और कॉकरोच नालियों और टॉयलेट की गंदगी को वार्डों में भी फैला रहे है। जिसके कारण जिला अस्पताल के वार्डों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। खास तौर से उन वार्डों में जहां के मरीजों को संक्रमण से बचाना चिकित्सकों का पहला काम है। और इसके लिए हर साल करोड़ों रुपए जिला अस्पताल की साफ सफाई और पेस्ट कंट्रोल पर खर्च किया जाता है। उसके बाद भी जिला अस्पताल में घूम रहे चूहे और कीट पतंगे हाइजीन जैसे शब्दों के खिल्ली उड़ाते नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल की यह स्थिति लगभग हर वार्ड में है। उन वार्ड में भी जहां गंभीर रूप से जलने वाले और ऑपरेशन वाले मरीजों को रखा जाता है वहां भी ऐसी स्थिति बनी हुई है जिसके चलते संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है।
एक महीने पहले पेस्ट कंट्रोल, फिर ये हालत क्यूं?
जिला अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पताल में हर 3 महीने में पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। इसका कांट्रेक्ट एक कंपनी के साथ है और हाल ही में एक महीने पहले ही पेस्ट कंट्रोल किया गया है। उसके बाद भी जिला अस्पताल के वार्डों की स्थिति यह है कि यहां पर कीट पतंगे कॉकरोच और चूहे घूम रहे हैं। अब सवाल पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी पर खड़ा हो गया कि जब एक महीने पहले पेस्ट कंट्रोल किया गया तो महज एक महीने में ही इतने चूहे कॉकरोच और अन्य कीट पतंगे कहां से आ गए। क्या पेस्ट कंट्रोल पूरी ईमानदारी से किया गया और अगर पेस्ट कंट्रोल पूरी ईमानदारी से किया गया है तो आने वाले तीन महीने में और क्या होगा यह सवाल अब लोग उठाने लगे हैं। मरीजों का तो कहना है कि वह नीचे सोने से भी डरते हैं की कहीं चूहा उनको नुकसान न पहुंचा दे। और पेस्ट कंट्रोल वाली कंपनी के साथ ही अधिकारी दावा कर रहे हैं की एक महीने पहले ही पेस्ट कंट्रोल हुआ है तो चूहे आ ही नहीं सकते जबकि सच कुछ और ही है।
क्या कहते हैं अधिकारी…
जिला अस्पताल में हर 3 महीने में पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। अभी पिछले महीने ही पेस्ट कंट्रोल किया गया है इसलिए चूहा और कीट पतंगों का आना संभव नहीं है। फिलहाल यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है।
डा एमके सोनिया,
सिविल सर्जन जिला अस्पताल।
समस्या….अविनाश सिंह
9406725725