हर बार बन रहे यही हालत, बिल ले रहे पूरा सुविधाएं गायब
बिजली विभाग की मनमानी, रुपए बचाने मैटेनेंस भी नही
छिंदवाड़ा। मंगलवार को अचानक 2003 के पहले का वह मध्य प्रदेश याद आ गया जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग हुआ और मध्य प्रदेश के पास बिजली की कमी हो गई थी। शहर की शहर अंधेरे में डूब जाते और कई घंटे बिजली नहीं आती । अघोषित कटौती से परेशान लोग यहां वहां भटकते नजर आते। वही नजारा एक बार फिर मंगलवार को देखने को मिला जब जरा सी आंधी आई और पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। जी हां हम बात कर रहे हैं 23 अप्रैल 2024 की जिसमें दावा किया जा रहा है कि हर किसी को मौलिक सुख सुविधा पूरी तरह से उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन निजीकरण के दुष्परिणाम अब देखने में आने लगे मंगलवार की शाम लगभग 4:00 बजे 15 मिनट के लिए शहर में आंधी चली । आंधी तेज थी और बारिश भी हुई लेकिन अचानक पूरा शहर अंधेरे में डूब गया यह स्वाभाविक सी बात है की आंधी चलने के बाद छोटे-मोटे फॉल्ट आते हैं। लेकिन यहां तो 4:00 बजे से कई क्षेत्रों में बिजली गई जो रात 11:00 बजे तक नहीं आई और कई क्षेत्रों में बिजली 6:00 बजे तक आती जाती रही और उसके बाद पूरी तरह से ब्लैकआउट हो गया लगभग पूरा शहर अंधेरे में डूब गया।
लगातार अपग्रेड हो रही विद्युत कंपनी, विद्युत व्यवस्था गायब
बिजली सप्लाई की व्यवस्था एक प्राइवेट कंपनी के हाथों में है। यही कंपनी घरों में सप्लाई से लेकर सारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं मुहैया कराती है। बड़ी बात यह है कि विद्युत कंपनी लगातार अपग्रेड हो रही है पिछले 3 साल में तीन बार मीटर बदल दिए गए। अब तो एक ऐसा डिजिटल मीटर लगा है जिसमें मीटर रीडिंग लेने की भी जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं यदि आपने बिल नहीं पटाया तो बिजली काटने वाले अब खंबे पर नहीं चाहेंगे कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे आपकी बिजली कट जाएगी। विद्युत कंपनी बिल वसूलने पूरी तरह से अपग्रेड होती चली जा रही है । लेकिन बिजली व्यवस्था इतनी बदतर हो गई है कि जरा सी आंधी में पूरे शहर को आधी रात तक अंधेरे में गुजारने पड़ती है। आखिर सरकार ने व्यवस्था की जिम्मेदारी एक कंपनी को तो सौंप दी लेकिन इस कंपनी पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी किसकी है या बात जानना जरूरी है।
राम के नाम पर वोट और हनुमान जन्मोत्सव पर अंधेरा
हाल ही में छिंदवाड़ा में चुनाव संपन्न हुए जिसमें श्री राम भगवान के मंदिर के नाम पर वोट देने की अपील खुलेआम की है। लेकिन एक तरफ राम को लाने का दावा करने वाले शहर की व्यवस्थाएं बनाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। जब हनुमान जयंती पर पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। त्योहारों पर अतिरिक्त बिजली देने का प्रावधान है। लेकिन यहां तो उल्टा ही होता नजर आ रहा है। राम के नाम पर वोट और हनुमान के जन्मोत्सव पर शहर में अंधेरा। जैसे हालात बने इससे साफ है की अरबों का मुनाफा कमाने वाली बिजली कंपनी सरकार पर भी हावी है।
खबर…अविनाश सिंह
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