फर्जी सीबीआई बनकर डीपीसी को किया था फोन
लड़के को पकड़ने की बात पर बिना जांच कैसे दिए रुपए ?
छिंदवाड़ा। ई डी और सीबीआई का खौफ लोगों में सर चढ़कर बोल रहा है। हालत यह है कि अब जिला स्तर के अधिकारी तक सीबीआई और ई डी के नाम से डरने लगे हैं। यहां तक की फर्जी सीबीआई के नाम पर किए गए फोन पर भी अधिकारी लाखों रुपए खाते में ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा में भी सामने आया है जहां सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े जिले के सबसे बड़े अधिकारी ने फर्जी सीबीआई के फोन पर सवा लाख रुपए डाल दिए और कोई इंक्वारी भी नहीं की। बाद में जब पता चला तो इसकी शिकायत साइबर सेल से की गई है। मामला है छिंदवाड़ा डीपीसी श्री इरपाची से जुड़ा हुआ है। जिला परियोजना समन्वयक श्री इरपची का बेटा इंदौर में रहता है। तीन-चार दिन पहले डीपीसी के पास एक फोन आता है और फोन करने वाला कहता है कि मैं सीबीआई से बोल रहा हूं आपके बेटे को पकड़ा गया है और आप रुपए भेजिए। इस फोन के बाद डीपीसी ने अपने पास से 80 हजार रुपए और एक अन्य व्यक्ति के पास से 50 हजार रुपए फोन करने वाले को भेज दिए। बाद में पता चला कि यह सीबीआई नहीं बल्कि साइबर फ्रॉड है। इस बात का पता चलने के बाद डीपीसी ने मामले की शिकायत साइबर सेल से की है।
किस बात का डर, क्यू दिए सीबीआई के नाम पर रुपए ?
भ्रष्टाचार में फंसे अधिकारी नेता और उद्योगपतियों को ई डी और सीबीआई का डर हो सकता है। की कहीं उनकी कलई ना खुल जाए। लेकिन छिंदवाड़ा जैसे छोटे शहर में शिक्षा से जुड़े एक जिला समन्वयक ने आखिर सीबीआई के फोन पर रुपए क्यों दिए। यह सवाल इस शिकायत के बाद उठ रहा है कि आखिर ऐसा कौन सा डर डीपीसी को सता रहा है जिसके चलते उन्होंने सीबीआई के नाम पर किए गए फोन की इंक्वारी तक नहीं की और रुपए डाल दिए। यहां तक की अपने बेटे से पूछताछ किए बगैर ही डीसी ने खुद और एक अन्य व्यक्ति के खाते से लगभग 120000 रुपए डालें डीपीसी को किस बात का डर है। यह बात समझ से परे है। या फिर कोई ना कोई ऐसा कारण है जिसके कारण सीबीआई का नाम सुनते ही डीपीसी के होश उड़ गए।
चेतावनी के बाद भी पड़े लिखे अधिकारी हो रहे शिकार
साइबर फ्रॉड को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है। हर किसी को यह बताया जा रहा है कि आपको किया गया फोन फ्रॉड भी हो सकता है। और आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है किस-किस तरीके से साइबर फ्रॉड किया जा रहे हैं। इस बात की भी पूरी जानकारी दी जा रही है। उसके बाद भी लोग लगातार साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे है। अब तो हालत यह हो गए हैं कि शिक्षा विभाग से जुड़े बड़े अधिकारी भी ऐसे फ्रॉड के शिकार होने लगे। हालांकि यह फोन सीबीआई के नाम पर था लेकिन फिर भी एक अधिकारी जो पढ़ाई के उच्च स्तर पर है उन्हें इस बात की तस्दीक अवश्य करनी चाहिए थी कि सीबीआई का फोन फर्जी है या फिर कोई मामला हुआ है।
खबर….अविनाश सिंह
,9406725725