Home राजनीति निलेश उईके के बाद अब एक और आदिवासी विधायक राडार पर

निलेश उईके के बाद अब एक और आदिवासी विधायक राडार पर

जुन्नारदेव विधायक सुनील उईके को नगर पालिका का नोटिस

मॉल में अनुमति से ज्यादा निर्माण पर दिया कारवाही की चेतावनी

छिंदवाड़ा। रिटर्निंग ऑफिसर की बिना अनुमति के पांढुर्णा विधायक निलेश उईके के घर पुलिस और आबकारी की दबिश के बाद अब एक और आदिवासी विधायक जिला प्रशासन के रडार पर है। इस विधायक को भी चुनाव के ठीक दो दिन पहले मॉल में अनुमति से ज्यादा निर्माण करने को लेकर एक नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस परासिया नगर पालिका सीएमओ ने जारी किया है और कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। परासिया में जुन्नारदेव नरदेव विधायक सुनील उईके का एक व्यावसायिक मॉल है। इस मॉल को लेकर नगर पालिका सीएमओ डोंगर परासिया ने एक नोटिस जुन्नारदेव विधायक को जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि आपके मॉल में स्वीकृति से अधिक निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई है। इसलिए मॉल के निर्माण से संबंधित समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करें अन्यथा आपके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मतदान से दो दिन पहले नोटिस पर खड़े हुए सवाल ?

छिंदवाड़ा जिले में लोकसभा के लिए मतदान 19 अप्रैल को होंगे । डोंगर परासिया नगर पालिका की सीएमओ को ने 16 अप्रैल को जुन्नारदेव विधायक सुनील उईके को नोटिस जारी किया है। एक तरफ जहां चुनाव की तैयारी में पूरे जिले के अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं। वहीं डोंगर परासिया नगर पालिका की सीएमओ अपने कार्यालय में कामों में व्यस्त नजर आ रही हैं। इस बात का प्रमाण इसी से मिलता है कि मतदान के ठीक दो दिन पहले अचानक सीएमओ को जुन्नारदेव विधायक को नोटिस देने का काम याद आ गया। बाहरहाल नोटिस के बाद अब इस बात को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर मतदान के ठीक 2 दिन पहले यह नोटिस क्यों जारी किया गया है। प्रशासनिक कार्य मतदान के बाद भी शुरू किया जा सकते थे। अब लोग इस बात को लेकर परासिया और छिंदवाड़ा में चर्चा करने लगे हैं।

आखिर किसके दबाव में काम कर रहा प्रशासन ?

2 दिन पहले पांढुरना विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विधायक निलेश उईके के घर पुलिस और आबकारी की दर्जन भर गाड़ियों में अधिकारी कर्मचारी पहुंचे। लगभग 3 घंटे तक विधायक को खड़ा रखकर उनके घर खेत और आसपास के घरों की तलाशी ली गई। बड़ी बात यह है कि एक जनप्रतिनिधि के घर आचार संहिता के दौरान की गई जांच में किसी भी तरह की एफ एस टी टीम या चुनाव पर्यवेक्षक मौजूद नहीं थे। और केवल एक डीएसपी के नेतृत्व में पहुंची पुलिस और आबकारी की टीम ने विधायक के घर को खंगाला और खाली हाथ लौट आए। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है की जुन्नारदेव के विधायक सुनील उईके के खिलाफ नगर पालिका डोंगर परासिया की सीएमओ का नोटिस जारी हो गया। आखिर जिले के आदिवासी नेता अचानक प्रशासन के रडार पर कैसे आ गए और किसके इशारे पर इस तरह की कारवाइयां ठीक मतदान के पहले की जा रही है। इस बात को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है। पांढुर्णा विधायक निलेश उईके ने तो भाजपा पर प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप तक जड़ दिया है।

न्यूज विश्लेषण….अविनाश सिंह
9406725725