जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना पहुंचे भोपाल
समर्थकों के साथ गुरुवार को थाम सकते हैं भाजपा का दामन
छिंदवाड़ा। कांग्रेस के बड़े नेताओं का भाजपा गमन समझ से बाहर हो गया है। दीपक सक्सेना के बाद एक और बड़ा नाम अमित सक्सेना का है जो भाजपा का दामन थामने भोपाल निकल चुके हैं। कमलनाथ की टीम का एक और विकेट आज आउट होने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना जो की कमलनाथ की टीम के पक्के खिलाड़ी माने जाते रहे हैं। वे भाजपा का दामन थामने के लिए भोपाल निकल चुके हैं और गुरुवार को वह अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। अमित सक्सेना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं और अपने क्षेत्र में अच्छी खासी पैठ रखते हैं। छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ही रहने वाले अमित सक्सेना ग्रामीणों के बीच खासी पकड़ रखते हैं आज भी उनके यहां शिकायतकर्ताओं का दरबार लगता है। पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना के बाद अमित सक्सेना का भाजपा में जाना कमलनाथ के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में लगातार कमजोर होते जा रहे हैं पहले तो शहर से कई पार्षदों का भाजपा में जाना शहरी क्षेत्र में कमलनाथ को कमजोर कर रहा है तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र से दीपक सक्सेना और अमित सक्सेना जैसे नेताओं का भाजपा में जाना ग्रामीण क्षेत्र में भी कमलनाथ की पकड़ को कमजोर करता दिखाई दे रहा है।
20 हजार वोटों से जीते थे जिला पंचायत चुनाव
अमित सक्सेना की अपने क्षेत्र में पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमित सक्सेना जिला पंचायत सदस्य का चुनाव अपने क्षेत्र से लगभग 20000 वोटो से जीते थे और जोड़-तोड़कर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी बने। एक जिला पंचायत क्षेत्र से इतनी बड़ी लीड लेना इस बात का प्रमाण है कि अमित सक्सेना की खासी पकड़ अपने क्षेत्र में है। इतना ही नहीं अमित सक्सेना अपने आसपास के क्षेत्र में भी दखल रखते हैं। और उन क्षेत्रों के परिणाम प्रभावित करने में सक्षम है। हालांकि अमित सक्सेना विधानसभा चुनाव से ही सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ की रैली में अमित सक्सेना जरूर नजर आए लेकिन दीपक सक्सेना के जाने के बाद अचानक अमित सक्सेना का जाना पहले से तय माना जा रहा है।
पिता बैजनाथ प्रसाद सक्सेना रहे चौरई से विधायक
अमित सक्सेना पहले से ही राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। अमित सक्सेना के पिता बैजनाथ प्रसाद सक्सेना इंडियन नेशनल कांग्रेस से 1985 में चौरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के प्रतुल चंद द्विवेदी को चुनाव हराया था। बैजनाथ प्रसाद सक्सेना भी कमलनाथ के करीबी माने जाते रहे और उसी तरह अमित सक्सेना भी अब तक शिकारपुर के खास लोगों में से एक रहे हैं। लेकिन अचानक उनका भाजपा में जाना कई सवाल खड़े करने लगा है।
….अविनाश सिंह
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