Home राजनीति राम भक्त हनुमान को भूले मोहन !

राम भक्त हनुमान को भूले मोहन !

सीएम निर्धारित कार्यक्रम के बाद भी नही पहुंच पाए जामसावली मंदिर

राजना आश्रम में बिताए 20 मिनट, सौसर में सभा का टाइम चूका

छिंदवाड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 6 अप्रैल को पांढुर्णा जिले के दौरे पर थे। इस दौरान उनका कार्यक्रम शाम 6:45 पर जामसावली मंदिर में निर्धारित था। लेकिन अपने निर्धारित कार्यक्रम के बाद भी डॉक्टर मोहन यादव जाम सांवली मंदिर नहीं पहुंच पाए। और आखिरकार वह सौसर में सभा भी नहीं कर पाए। जबकि डॉक्टर मोहन यादव के लिए जामसावली मंदिर में पूजा की पूरी व्यवस्था की गई थी। लेकिन प्रदेश के मुखिया राम भक्त हनुमान को सड़क से ही हाथ जोड़कर निकल गए। दरअसल डॉक्टर मोहन यादव 6 अप्रैल को पांढुर्णा जिले के विभिन्न चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। पांढुर्ना में रोड शो नंदनवाड़ी में जनसभा के साथ ही सौसर में जनसभा और रोड शो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में निर्धारित था। इसके अलावा शाम 6:45 मुख्यमंत्री को जाम सांवली मंदिर पहुंचना था जहां पूजन अर्चन करने के बाद उन्हें सौसर में जनसभा और रोड शो में भाग लेना था। लेकिन डॉक्टर मोहन यादव राजना और उसके बाद सीधे सौसर निकल गए। वह जाम सांवली मंदिर पहुंचे ही नहीं जबकि पुजारी उनका इंतजार करते मंदिर में ही बैठे रहे।

गुरु को दिए 20 मिनट, महागुरु को हांथ जोड़कर निकले

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का पांढुर्णा दौरा निर्धारित समय से लेट चल रहा था। पांढुर्णा और नंदनवाड़ी के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सीधे राजना स्थित आश्रम पहुंचे जहां वे लगभग 20 मिनट तक अपने गुरु विवेक जी के साथ रहे । और 9:20 पर राजना से वे सीधे सौसर के लिए निकल गए। और रास्ते में पढ़ने वाले जाम सांवली हनुमान मंदिर जहां उन्हें दर्शन के लिए जाना था वहा सड़क से ही वे हाथ जोड़कर निकल गए। दरअसल उन्हें चुनावी सभा को संबोधित करना था। जिसका समय 10:00 बजे के पहले निर्धारित था उसके बाद चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सभा नहीं हो सकती थी। लेकिन मुख्यमंत्री न ही जामसांवली मंदिर में माथा टेक पाए और ना ही सौसर में सभा कर पाए।

उमा भारती ने जामसांवली से की थी चुनाव प्रचार की शुरुआत

जिले का प्रसिद्ध जाम सांवली हनुमान मंदिर अत्यधिक प्रसिद्ध मंदिर है । और यहां हनुमान जी की शक्ति को लोग महसूस करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जब 2003 में मुख्यमंत्री बनी उसके पहले उन्होंने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत जाम सांवली मंदिर से की थी। उसके बाद उमा भारती मुख्यमंत्री भी बनी और लगभग हर बार जब भी छिंदवाड़ा जिले या नागपुर तक आती है तो जाम सांवली मंदिर जरूर आती है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कई बार जाम सावली मंदिर में माथा ठेका है और जामसावली मंदिर के निर्माण का काम भी शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में ही शुरू हुआ। लेकिन डॉक्टर मोहन यादव दो बार पांढुर्णा आने के बाद भी अब तक जाम सांवली मंदिर नहीं पहुंचे पाए हैं।

विश्लेषण….अविनाश सिंह
9406725725