कार्यालय कर लिया जिला अस्पताल के आई विभाग में शिफ्ट
अधिकारियों को पता ही नही कहां से चल रहा काम काज
छिंदवाड़ा। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। कहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में कर्मचारी नदारद रहते हैं तो कहीं इमरजेंसी ड्यूटी के नाम पर डॉक्टर मुख्यालय छोड़कर छिंदवाड़ा में मजे लेते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा विकासखंड के पिंडरई स्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है यह स्वास्थ्य केंद्र छिंदवाड़ा विकासखंड का बीएमओ कार्यालय भी है। लेकिन इसका संचालन पिछले कई महीनो से छिंदवाड़ा जिला अस्पताल की बिल्डिंग से हो रहा है।
दरअसल पिंडरई स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की पूरी सुविधाएं मौजूद है। लेकिन यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के नाम पर कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी चरम पर है। स्वास्थ्य केंद्र में कभी भी टाइम पर अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचते। इतना ही नहीं इस स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी महिला डॉक्टर और बीएमओ डॉक्टर पुष्पा रानी ने अपना कार्यालय जिला अस्पताल में बना लिया जिस बात की जानकारी जिले के आला अधिकारियों को भी नहीं।
जिला अस्पताल में पूरा चैंबर, कंप्यूटर और कर्मचारी
पिंडारी स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ कार्यालय में जो भी कागजी कार्रवाई और अन्य कार्यालयीन इन काम होते हैं वह काम पिंडरई में न होकर छिंदवाड़ा में संचालित हो रहा है। जिला अस्पताल के आई विभाग के पास एक कमरे में मैडम डॉक्टर पुष्पा रानी का पूरा चैंबर बना हुआ है। इस चेंबर में कंप्यूटर ऑपरेटर सहित पूरा स्टाफ पिंडरई के नाम पर छिंदवाड़ा में काम कर रहा है। इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा गया कि पिंडरई बीएमओ कार्यालय जिला अस्पताल से क्यों संचालित हो रहा है तो इस सवाल का कोई जवाब अधिकारियों के पास मौजूद नहीं है।
सीएमएचओ के निर्देश के बाद भी मुख्यालय से गायब
हाल ही में सीएमएचओ ने एक आदेश जारी कर सभी अधिकारी कर्मचारियों को अपने मुख्यालय में रहने और मुख्यालय से ही कार्य संचालित करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों की भी खुली धज्जियां बीएमओ कार्यालय उड़ा रहा है। बड़ी बात यह है कि यह कार्यालय जिला मुख्यालय में ही संचालित हो रहा है जहां पर सभी अधिकारी मौजूद है। लेकिन आज तक इस मामले में ना कोई नोटिस भेजा गया है और ना ही कोई कार्रवाई सीएमएचओ की तरफ से हुई।
25 किलोमीटर दूर जाकर काम करवाने की मजबूरी
पिंडारी बीएमओ कार्यालय छिंदवाड़ा से संचालित होने के कारण ग्रामीणों को अपने काम करने के लिए 25 किलोमीटर दूर जाकर छिंदवाड़ा में आवेदन और अन्य कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है। इतना ही नहीं पिंडरई के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में से तो लोग 40-40 किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा पहुंचते हैं। और बीएमओ कार्यालय संबंधी कार्य करवाते हैं। कई बार लोगों को दो-दो तीन-तीन बार छिंदवाड़ा तक पहुंचाना पड़ता है।