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कलेक्टर की पत्नी को आया सपना, तब हुई 1200 वर्ष पुरानी प्रतिमा की स्थापना

प्राचीन है मां सिद्धिदात्री देवी की प्रतिमा

गोदड़देव में मिली थी पाषाण की प्रतिमा

छिंदवाड़ा। शहर के कलेक्टर बंगले के पास स्थित शिवोम तीर्थ आश्रम के माता मंदिर में विराजित सिद्धिदात्री देवी की प्रतिमा लगभग 1200 साल पुरानी है। लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह बात सच है । 1984 में तात्कालिक कलेक्टर एनपी तिवारी की पत्नी को देवी ने सपने में उन्हें स्थापित करने के लिए कहा था इस सपने के बाद कलेक्टर ने खुद कलेक्टर बंगला परिसर में स्थित आश्रम के मंदिर में सिद्धिदात्री माता की 1200 साल पुरानी प्रतिमा को स्थापित करवाया जो आज शहर और आसपास के कई जिलों में आस्था का केंद्र बनी हुई है। मां सिद्धिदात्री की यह प्रतिमा ११०० से १२०० वर्ष प्राचीन बताई जाती है। जानकारों के अनुसार मां सिद्धिदात्री की यह प्रतिमा छिंदवाड़ा से २८ किमी दूर नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, नीलकंठी कला (गोदड़देव मंदिर) के परिक्षेत्र में उत्खनन में प्राप्त हुई थी। जिसे कलेक्टर कार्यालय की नजारत शाखा के कोषालय में रखा गया था।

1984 में हुई थी प्रतिमा की स्थापना

बताया जाता है कि लगभग 1200 साल पुरानी सिद्धिदात्री माता की प्रतिमा को 1982 – 83 में गोदड़देव में एक लोहार के घर से प्राप्त किया गया था। तात्कालिक कलेक्टर एनपी तिवारी ने प्राचीन होने के कारण प्रतिमा को छिंदवाड़ा कलेक्टर कार्यालय के कोषालय में जमा कराया गया। लेकिन इस दौरान कलेक्टर एनपी तिवारी (वर्ष १९८२ से १९८५ के बीच) की पत्नी को एक सपना आया जिसमें माता ने खुद उन्हें बताया कि उन्हें कोषालय में कैद कर कर रखा गया है। और उनकी स्थापना कराई जानी चाहिए। जब यह बात कलेक्टर एनपी तिवारी की पत्नी ने उन्हें बताई तो कलेक्टर ने इस प्रतिमा को कोषालय से निकलवा कर 1984 में कलेक्टर बंगला परिसर में स्थित शिवम तीर्थ आश्रम के माता मंदिर में 1200 साल पुरानी प्रतिमा की स्थापना कराई तब से माता सिद्धिदात्री यहीं पर विराजित है।

नवरात्र विशेष…अविनाश सिंह
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