Home अपराध कोतवाली थाना : यहां पीड़ितों पर दर्ज होती है एफआईआर !

कोतवाली थाना : यहां पीड़ितों पर दर्ज होती है एफआईआर !

वायरल वीडियो से सामने आई हकीकत

गंभीर डॉक्टर और उसकी बहन पर ही मामला दर्ज

छिंदवाड़ा। पिछले लगभग तीन महीने से कोतवाली पुलिस अपने कारनामों के कारण लगातार सुर्खियों में है। यहां एप्रोच है तो तत्काल मामला दर्ज हो जाता है नहीं तो पीड़ितों को अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए भटकना पड़ता है। असामाजिक तत्व और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से कोतवाली पुलिस के संपर्क और नेताओं की एप्रोच से लोगों पर प्रकरण दर्ज करने के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। इस बार एक वायरल वीडियो ने कोतवाली पुलिस की सारी हकीकत बयां कर दी है। इस वीडियो में एक डॉक्टर के साथ आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के द्वारा की जा रही मारपीट और हमले के मामले में कोतवाली पुलिस ने इस डॉक्टर और उसकी बहन के खिलाफ ही प्रकरण दर्ज किया है। जो पिटता दिखाई दे रहा है। जबकि पीटने वाले और महिलाओं से बदसलूकी और मारपीट करने वाले खुलेआम घूम रहे और घटना के 10 दिन बाद भी कोतवाली पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

खुलेआम गुंडागर्दी, महिलाओं से बदसलूकी वीडियो वायरल

यह मामला है शहर के आजाद चौक बड़ा इमामबाड़ा क्षेत्र का यहां रहने वाले फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर तारिक के साथ 10 सितंबर को रॉयल चौक में रहने वाले लगभग आधा दर्जन लोगों ने मारपीट की और डॉक्टर के घर में घुसकर उस पर हमला किया। डॉक्टर और उसकी बहन खुद को बचाते रहे और हमलावर उनको पीटते रहे। इस मामले मैं कोतवाली पुलिस ने हमलावरों की शिकायत पर डॉक्टर तारिक और उसकी बहन के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। जबकि डॉक्टर तारीख हमले में गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ गया। पुलिस ने डॉक्टर तारिक की ना ही सुध ली और ना ही उनकी शिकायत पर हमलावरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। पुलिस करवाई पोल खोलता एक वीडियो घटना के लगभग 9 दिन बाद वायरल हुआ। यह वीडियो सीसीटीवी कैमरे का है। जिसमें हमलावर डॉक्टर को पीटते नजर आ रहे हैं और डॉक्टर को घर से निकाल कर पीटते हुए बाहर ले जा रहे हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि पुलिस में जिन लोगों की शिकायत पर डॉक्टर और उसकी बहन के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। वही असली हमलावर है।

एक फोन और एफआईआर दर्ज, मौका मुआयना भी जरूरी नहीं

कोतवाली थाने में पिछले दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसमें कोतवाली पुलिस ने बिना जांच के ही एफआईआर दर्ज की है। सूत्रों की माने तो कई मामलों में कोतवाली पुलिस केवल एक फोन आने के बाद एफआईआर दर्ज कर देती है। और यह जानना भी जरूरी नहीं समझती कि आखिर मामला था क्या और क्या वास्तव में एफआईआर दर्ज करने वाले पीड़ित है या आरोपी । यह जाने बगैर ही कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज करने का चलन बढ़ गया है जबकि पुलिस विभाग में सैकड़ो कर्मचारी इस बात के लिए तैनात किए गए हैं कि किसी भी घटना पर मौका मुआयना किया जाए। उसके बाद पीड़ित की एफआईआर दर्ज की जाए ताकि प्रकरण अपराधियों पर दर्ज हो ना कि पीड़ितों पर। जबकि कोतवाली थाने में इसके उलट ही कार्रवाई चल रही है।

वीडियो सामने आया तो बदले कोतवाली पुलिस के सुर

10 सितंबर की घटना पर कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर और उसकी बहन के खिलाफ प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन मामले की हकीकत वीडियो सामने के आने के बाद खुली। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ तो पता चला कि कोतवाली पुलिस ने जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है वह वास्तव में पीड़ित है और आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला किया है। जबकि पुलिस ने पिटने वालों पर ही मामला दर्ज कर लिया है। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ तो कोतवाली पुलिस के सुर भी बदल गए। अब कोतवाली पुलिस का कहना है कि डॉक्टर अस्पताल में थे इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई । हम दोनों पक्षों पर कार्रवाई कर रहे हैं। बड़ी विडंबना है कि शहर में खुलेआम गुंडागर्दी चल रही है और पुलिस अपराधियों की शिकायत पर पीड़ितों पर मामला दर्ज कर रही है। ऐसी घटनाओं की जिम्मेदार अकेली कोतवाली पुलिस नहीं है जबकि पुलिस के द्वारा की जा रही अनैतिक कार्रवाइयों के जिम्मेदार जिले के आला पुलिस अधिकारी पुलिस अधीक्षक और सीएसपी भी है जिनके रहते थानों की पुलिस मनमानी कर रही है।

जिले के हाल…अविनाश सिंह
9406725725

नोट :- समाचार के साथ वीडियो में देखें शहर में चल रही गुंडागर्दी।