बैठक लेकर निकले कमलनाथ और शुरू हो गई हांथापाई
परासिया कांग्रेस – भाजपा नेताओं की लड़ाई सड़क पर
छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद से ही जिले में राजनीतिक उठा पटक थमने का नाम नहीं ले रही है। नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और कई तो अब भी भाजपा में जाने के भरपूर प्रयास में लगे हुए हैं। जिले भर में कांग्रेस और भाजपा के नेता आपस में ही भिड़ते दिखाई दे रहे हैं शुक्रवार को शिकारपुर में कमलनाथ के रहते ही परासिया विधायक सोहन वाल्मीक और जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुनहार के बीच मारपीट हो गई। बात इतनी बढ़ी की लोगों को बीच बचाव कर दोनों को अलग करना पड़ा। यह मौका था परासिया विधानसभा की कांग्रेस की संघटनात्मक बैठक का। जिसमें कमलनाथ खुद मौजूद थे। लेकिन जैसे ही कमलनाथ बैठक लेकर वहां से निकले विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष आपस में भिड़ गए गाली गलौज से लेकर बात मारपीट तक पहुंची। दरअसल अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार कमलनाथ जिले भर की विधानसभा क्षेत्र की संगठनात्मक बैठक ले रहे हैं। शुक्रवार को भी परासिया ,जुन्नारदेव विधानसभा सहित अन्य विधानसभा की संगठनात्मक बैठक थी। दोपहर में जब परासिया की बैठक चल रही थी इस दौरान विधायक सोहन वाल्मीकि ने कांग्रेस को मजबूत करने और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का प्रयास कर रहे जनप्रतिनिधि और नेताओं पर कार्रवाई करने की बात कही । और इस बात का पुरजोर विरोध किया कि कांग्रेस के पदाधिकारी भाजपा में जाने का भर्षक प्रयास कर रहे हैं। उसके बाद भी कांग्रेस में उनका कद ऊंचा है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने हुई इस बात को लेकर कमलनाथ ने इस बात पर कठोर कार्रवाई की बात भी कही है । लेकिन जैसे ही कमलनाथ बैठक लेकर निकले उसके बाद पहले संजय पुनहार ने विधायक पर आरोप जड़ दिए और इसके बाद घमासान शुरू हो गया। गाली गलौज से शुरू हुई बात हाथापाई तक पहुंच गई जिसे वहां मौजूद लोगों ने एक दूसरे को अलग कर शांत कराया।
क्या कहते हैं विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष…
भाजपा में जाने का प्रयास कर रहे संजय पुनहार, सांसद ने अटकाया
दरअसल शिकारपुर में हुए घमासान का असल मुद्दा यह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुनहार कांग्रेस सदस्यों के सपोर्ट से अध्यक्ष बने। इसके पहले संजय पुनहार भाजपा में थे और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद वे सीधे तात्कालिक भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू से मिलने गए थे । लेकिन दोनों के बीच बात कुछ ठीक-ठाक नहीं रही। बाद में संजय पुनहार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस सदस्यों के सपोर्ट से जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए । लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों की कतार लग गई थी। इस दौरान संजय पुनहार के भाजपा में जाने की अटकलें भी तेज थी। लेकिन तब संजय पुनहार भाजपा में शामिल नहीं हो सके। लोकसभा चुनाव के बाद संजय ने भाजपा में जाने के भरसक प्रयास किया लेकिन सांसद विवेक बंटी साहू से पहले से चली आ रही दूरियों के चलते संजय पुनहार का भाजपा में जाना संभव नहीं हो सका। इस बात को लेकर खुद सांसद विवेक बंटी साहू एक सभा में कटाक्ष कर चुके हैं कि प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद कई लोग भाजपा में आने के लिए चिट्ठियां लिख रहे हैं। लेकिन ऐसे 50 पर्सेंट वालों के लिए भाजपा में जगह नहीं है। परासिया विधायक ने कमलनाथ के सामने इंडिरेक्टली यही मुद्दा उठाया।
परासिया कांग्रेस में जूतम पैजार, भाजपा में सरकारी खर्च पर रेकी
परसिया विधानसभा क्षेत्र में नेताओं के बीच आपसी विवाद लगातार चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद लड़ाई शुरू हुई और लगातार चल रही है। इधर जहां कांग्रेस में कमलनाथ के बंगले पर ही जूतम पैजार हो रही है। तो वहीं भाजपा में दो बड़े नेताओं के बीच का विवाद सड़क पर आ गया है। दरअसल यहां प्रदेश मंत्री परमजीत विज और जिला मंत्री अनुज पाटकर करके बीच का विवाद प्रदेश भाजपा संगठन तक पहुंच गया। सांसद विवेक बंटी साहू के करीबी परमजीत विज ने नगर पालिका अध्यक्ष के साथ मिलकर भाजपा के जिला मंत्री अनुज पाटकर के घर एक जासूस नियुक्त कर दिया। भाजपा नेता परमजीत विज ने अनुज पाटकर के ड्राइवर को ही खरीद लिया और उसे नगर पालिका में नौकरी लगाकर वेतन भी वहीं से दिलाने लगे। लेकिन नगर पालिका में नौकरी करने की बजाय ड्राइवर अनुज पाटकर की गाड़ी ही चलता रहा। ताकि परमजीत को अनुज पाटकर की खबरें मिलती रहे। सरकारी खर्चे पर लगाए गए जासूस का राज उस समय खुला जब रक्षाबंधन पर भाजपा नेता और पार्षद अनुज पाटकर ने अस्थाई कर्मियों को वेतन न मिलने पर उन्हें 1000 रुपए देने की घोषणा की। और जब कर्मचारियों की लिस्ट सामने आई तो उसमें अनुज पाटकर के ड्राइवर का नाम भी मौजूद था। यहां से पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया और अब लड़ाई प्रदेश संगठन के सामने चल रही है।
राजनैतिक घमासान…अविनाश सिंह
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