10 सभापतियोंं में 5 कांग्रेस से भाजपा में आए पार्षद शामिल
पुराने चेहरों में एक भी नहीं, नेता प्रतिपक्ष का पद भी जायेगा
छिंदवाड़ा। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार छिंदवाड़ा नगर निगम में एमआईसी का गठन हो गया। एमआईसी में इस बार महापौर विक्रम आहके की टीम में भाजपा का कोई भी कद्दावर चेहरा शामिल नहीं है। बल्कि कांग्रेस से भाजपा में आए 5 पार्षद जो की पूर्व में भी सभापति रहे उन्हें स्थान मिला है। एमआईसी में कांग्रेस से भाजपा में आए पांच पार्षद और भाजपा के पांच पार्षद को शामिल कर सभापति बनाया गया है। हालांकि इसमें भी सबसे प्रमुख विभागों में सांसद विवेक बंटी साहू के करीबी माने जाने वाले जागेंद्र अलडक पिंटू मासब की पत्नी को स्वास्थ्य विभाग और बलराम साहू को राजस्व विभाग दिया गया है। नगर निगम छिंदवाड़ा में मंगलवार को एमआईसी का गठन कर सभापतियों की लिस्ट जारी कर दी गई। लिस्ट आते ही सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई की नगर निगम के किसी भी चर्चित और कद्दावर नेता को शामिल नहीं किया गया । बल्कि भाजपा नेता दीपक सक्सेना के खेमे से जहां चंद्रभान देवरे एमआईसी में शामिल किए गए। वहीं सांसद विवेक बंटी साहू के करीबी जगेंद्र अलडक की पत्नी प्रवीणा अलडक को भी एमआईसी में जगह दी गई है। इसी तरह कांग्रेस से भाजपा में आए पांच पार्षद और भाजपा से जीते 5 पार्षदों को एमआईसी में शामिल किया गया है । इस पूरी लिस्ट में कहीं पर भी पिछले 20 सालों से शहर सरकार में सक्रिय रहे नेताओं के नाम नजर नहीं आ रहे हैं।
महापौर और भाजपा नेताओं की सुविधा का पूरा ध्यान
एमआईसी में जिन 10 चेहरों को शामिल किया गया है उनमें से पांच पहले से महापौर विक्रम आहके की टीम में शामिल थे । जिनमे श्रीमती नमिता मनोज सक्सेना चंद्रभान देवरे, प्रमोद शर्मा, सुनीता विजय पाटिल और अरुण मनोज कुशवाहा शामिल है। महापौर की पुरानी टीम में यह पांच चेहरे शामिल रहे। हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा में गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेश साहू के करीबी मनोज कुशवाहा की पत्नी को इस बार शामिल किया गया है। इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता जागेंद्र अलडक पिंटू मासब की पत्नी प्रवीणा जगेंद्र अलडक, राहुल उईके, संजीव रंगू यादव, बलराम साहू शिल्पा राकेश पहाड़े को एमआईसी में शामिल किया गया। और इन्हें प्रमुख विभाग सौंपे गए हैं। एमआईसी के गठन के बाद यह बात साफ हो गई है कि एमआईसी के गठन में महापौर विक्रम आहके और भाजपा के नेताओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। ताकि वह अपने तरीके से नगर निगम का संचालन कर सके।
अध्यक्ष का पता नही अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी जायेगा
नगर निगम में जिस तरह से पुराने पार्षदों और नेताओं के अनदेखी की जा रही है । उससे साफ जाहिर है कि नई भाजपा अब पुराने नेताओं को तवज्जो देने के मूड में नहीं है। नगर निगम में एमआईसी का गठन होने के बाद यह बात साफ हो गई है कि नगर निगम में अब तक राजनीति करते चले आए विजय पांडे, शिव मालवीय, अभिलाष गोहर, संतोष राय और दिवाकर सदारंग जैसे नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई। जिससे महापौर विक्रम आहके की सुविधा भी बनी रहे और भाजपा के दूसरे नेता अपने तरीके से नगर निगम में हस्तक्षेप भी करते रहे। हालत यह हो गए की नगर निगम में भाजपा पूरी तरह से कब्जा कर चुकी और अब भी नेता प्रतिपक्ष विजय पांडे ही कहलाते हैं। हालांकि एमआईसी के गठन के बाद अब विजय पांडे के नेता प्रतिपक्ष का पद भी चल जाएगा। क्योंकि अब कांग्रेस विपक्ष में बैठी है तो नेता प्रतिपक्ष भी विपक्ष का ही होगा। और उधर अध्यक्ष पद से सोनू मागो को हटाने की फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इन हालात में पुराने नेताओं का अस्तित्व नगर निगम में खोट नजर आ रहा है। या यही पुराने भाजपा नेताओं के अब नेता प्रतिपक्ष की असली भूमिका में नजर आने की संभावना भी बढ़ गई है।
भाजपा पार्षदों के एक गुट ने बैठक से किया वॉक आउट
भाजपा पार्षदों के बीच आपसे गुटबाजी का नजारा भी मंगलवार को नगर निगम में देखने को मिला। नगर निगम में एक बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें अधिकारी तो गायब थे लेकिन भाजपा के पार्षद ही आपस में इस बैठक में भिड़ते नजर आए। एक तरफ जहां बैठक के मूल मुद्दे को साइड में रख दिया गया । और शहर में साफ सफाई सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई। और जब बैठक के मूल विषय की याद दिलाई गई तो भाजपा के ही पार्षदों के एक खेमे ने वॉक आउट कर दिया और बैठक बेनतीजा खत्म कर दी गई।
अपना शहर…विश्लेषण
…अविनाश सिंह
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