सरकार के आदेश के बाद नगर निगम की राजनीति में नए पेंच
तीन साल तक नहीं हटाए जा सकेंगे निगम अध्यक्ष, व्यवस्थाएं चरमराई
छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने नगर निगम में तोड़फोड़ कर लगभग 15 पार्षद और सभापतियों को अपने खेमे में शामिल तो कर लिया । लेकिन अब अध्यक्ष पद को लेकर नया पेंच फस गया है। दरअसल सरकार ने चार दिन पहले एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया है कि नगर निगम और नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को अब 3 साल तक नहीं हटाया जा सकेगा। 3 साल बाद भी निगम अध्यक्ष को हटाने के लिए मेजोरिटी साबित करनी होगी उसके बाद ही निगम अध्यक्ष हटाए जा सकेंगे। इस आदेश के बाद शहर के कद्दावर पार्षद और भाजपा नेताओं को करारा झटका लगा है । जो बड़े भाजपा नेता और पार्षद अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे थे । अब उन्हें 1 साल और इंतजार करना पड़ेगा तब तक नगर निगम के 3 साल पूरे हो जाएंगे। दरअसल निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और उन्हें हटाने के लिए सरकार ने पहले 2 साल की मियाद तय की थी। इसके तहत 8 अगस्त को नगर निगम के अध्यक्ष सोनू मागो का कार्यकाल 2 साल का हो पूरा रहा था। और भाजपा के कई पार्षद उम्मीद लगाए बैठे थे कि 2 साल पूरा होते ही सोनू मागों को हटाकर वह अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा कर लेंगे। लेकिन यहां सोनू मागों की तकदीर बुलंद निकली । जो सरकार ने एक आदेश जारी कर अध्यक्ष को हटाने की मियाद 3 साल तय कर दी । अब भाजपा पार्षद सभापति बनने के जुगाड़ में लगे हैं ताकि आने वाले 1 साल तक शहर की राजनीति कर सके।
निगम में बहुमत भी भाजपा का और नेता प्रतिपक्ष भी
2 साल पहले हुए नगर निगम चुनाव में शहर की जनता ने शहर सरकार की कमान कांग्रेस को सौंपी थी। सीधे-साधे विक्रम आहके को महापौर चुना गया था । और इसके साथ ही लगभग 28 पार्षद भी कांग्रेस के चुने गए थे । लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने कांग्रेस के 15 पार्षद तोड़ लिए । इतना ही नहीं महापौर को भी अपने खेमे में शामिल कर लिया । अब हाल यह है कि नगर निगम में बहुमत भाजपा का है। और नेता प्रतिपक्ष भी भाजपा के ही है। यह हास्यास्पद स्थिति निगम अध्यक्ष को हटाने तक बने रहने की संभावना थी । लेकिन अब तो निगम अध्यक्ष को हटाने का सपना भाजपा पार्षदों का 1 साल बाद ही पूरा हो सकेगा। अब देखना यह है कि भाजपा एक तरफ महापौर और दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष भाजपा नेता विजय पांडे को कब तक बैठाएं रखती है।
चरमराई व्यवस्थाएं, कचरा गाड़ी तीन दिन में आ रही
कांग्रेस की नगर निगम पर भाजपा ने कब्जा तो कर लिया । लेकिन शहर की व्यवस्थाओं की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। शहर में साफ सफाई के अलावा अन्य मामलों में भी नगर निगम पिछड़ता जा रहा है। एक तरफ नगर निगम स्वच्छता अभियान चलाकर बड़े-बड़े आयोजन कर रहा है । और दूसरी तरफ शहर में नालियां कचरे से बाज बजा रही है। सड़कों पर कचरा पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं जो कचरा गाड़ियां कॉलोनी में जाती है वह भी अब हर दिन जाने की बजाय दो से तीन दिन में जा रही । उस पर भी कचरा गाड़ी में बैठे ड्राइवर और सफाई कर्मी कचरा गाड़ी से उतरते ही नहीं। कॉलोनी में सड़कों पर पड़ा कचरा वैसा ही पड़ा रहता है। और सफाई कर्मी केवल गाड़ी में बैठे-बैठे लोगों को निर्देश देते हैं कि गीला कचरा गीले में और सूखा कचरा सूखा में डालें । इन हालात में भी नगर निगम और भाजपा उम्मीद कर रहे हैं कि शहर को स्वच्छता रेटिंग मिलेगी।
शहर सरकार का हाल…अविनाश सिंह
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