सिफारिश है तो तत्काल दर्ज हो जायेगी एफआईआर
अपराधियों को संरक्षण, एसपी के दखल के बाद दर्ज हो रहे मामले
छिंदवाड़ा। जिले में अपराध की स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। कि आखिर पुलिस का खौफ अपराधियों से खत्म क्यों हो रहा है। क्या पुलिस अधिकारी अपने थानों में अपराध कम करने और अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है। या पुलिस अधिकारी अपराधिक तत्वों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि थानों में अपराधियों को संरक्षण देने वाले रसूखदार आए दिन नजर आते हैं। इतना ही नहीं इन रसूखदार और अपराधियों के कहने पर कई मामले भी बिना सवाल दर्ज कर दिए जाते हैं। लेकिन जो असल पीड़ित है उन्हें अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगानी पड़ती है। तब जाकर थानों में मामले दर्ज होते हैं । जबकि अपराधियों के मामले टी आई उन्हें अपने चैंबर में चाय पिलाकर दर्ज कर देते हैं। यह हालात जिले के किसी से छिपे नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक जिले में अपराध और अवैध कारोबार रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। तो वहीं थाना प्रभारी अपनी मर्जी के मालिक हो गए हैं। किस मामले में अपराध दर्ज करना है और किस मामले को टालना है। यह थाना प्रभारी को बखूबी आता है। पिछले एक महीने में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें एसपी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। कुछ मामले तो ऐसे भी हैं जिसमें घटना किसी और थाना क्षेत्र की है और प्रकरण किसी और थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया है। इन हालात में अब आम जनता असुरक्षित महसूस करने लगी है
प्रकरण – 1 सामूहिक दुष्कर्म का मामला
कुंडीपुरा थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया सामूहिक दुष्कर्म का मामला एक अत्यंत गंभीर मामला था । इस अपराध में एक इंश्योरेंस एडवाइजर के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया लेकिन इस मामले को दर्ज करने में पीड़िता को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ गया। बड़ी बात यह है कि यह मामला कुंडीपुरा थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया लेकिन सूत्रों की माने तो यह मामला कुंडीपुरा थाना क्षेत्र का नहीं बल्कि किसी और थाना क्षेत्र का है। जहां पीड़िता लाख कोशिशों के बाद भी अपराध दर्ज नहीं कर पाई। आखिरकार मामला एसपी के संज्ञान में आया और एसपी मनीष खत्री के निर्देशन के बाद तीन आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार किया गया।
प्रकरण – 2 जुन्नारदेव में अपहरण का प्रयास
पुलिस के अपराधियों को संरक्षण देने का दूसरा मामला कोयलांचल के जुन्नारदेव में देखने को मिला। यहां किराए से मकान लेकर पढ़ रही दो सगी बहनों को क्षेत्र के रसूखदार मनचले ने फिल्मी स्टाइल में स्कॉर्पियो अड़ाकर अपहरण करने का प्रयास किया। दोनों युवतियां अपनी जान बचाकर अस्पताल में जाकर छिपी। लेकिन जब इस मामले की शिकायत की गई तो जुन्नारदेव पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। आखिरकार क्षेत्र वासियों के विरोध के बाद जब मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा तब जाकर इस गंभीर मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया।
प्रकरण – 3 फव्वारा चौक में खुलेआम हत्या
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पुलिस की नाकामी का तीसरा मामला शहर के बीचो-बीच प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र फवारा चौक में रविवार की रात 11:30 बजे घटित हुआ । जहां कुछ लोगों ने एक 54 साल के अधेड़ को घेरकर उसकी हत्या कर दी गई। बड़ी बात यह है कि इस व्यापारिक क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है। लेकिन पुलिस इस हत्याकांड के दौरान कहीं नजर नहीं आई। और अपराधी मृतक पर लाठियां बरसते रहे। जबकि फव्वारा चौक से कोतवाली थाने की दूरी महज 100 – 150 मीटर है। उसके बाद भी हत्याकांड को अंजाम दिया गया और पुलिस नही पहुंची।
प्रकरण – 4 चौकी के सामने युवक को रोककर हमला
चौथा प्रकरण 15 दिन पहले नरसिंहपुर नाका क्षेत्र में धर्म टेकरी चौकी के सामने आया। शराब दुकान से निकले कुछ लोगों ने एक युवक को घेर कर उसे पर हमला कर दिया । युवक को गंभीर चोट आई थी और उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में अपराधियों ने किसी अप्रिय वारदात की मंशा से युवक को रोक कर उसे पर हमला किया था । घायल एस ए एफ के हवलदार का लड़का बताया जा रहा है। ऐसे कई मामले हैं जिन पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिले की कानून व्यवस्था…अविनाश सिंह
9406725725
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