Home अपराध डॉक्टर महिला डॉक्टर और नर्सों से करता है अश्लील डिमांड

डॉक्टर महिला डॉक्टर और नर्सों से करता है अश्लील डिमांड

15 दिन में दो एफआईआर, फिर भी महकमा मेहरबान

कार्यालयों में सुरक्षित नही महिला कर्मचारी, समिति कागजों में

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के सिविल अस्पताल में पदस्थ मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी महिला डॉक्टर और नसों से अश्लील डिमांड कर रहा है। यह सिलसिला कई महीनो से चल रहा है लेकिन अब जब महिला अधिकारी और नर्स ने सिर उठाया है। तब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा अभी भी इस मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी पर मेहरबान दिखाई दे रहा है । 15 दिन में दो एफआईआर होने के बाद भी आज तक इस डॉक्टर को अपने पद से हटाया नहीं गया और ना ही इसका तबादला परासिया से हटकर कहीं और किया गया है। शनिवार को एक महिला नर्स की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने भी इस डॉक्टर प्रमोद वाचन के खिलाफ हरासमेंट की प्राथमिक की दर्ज कर ली है।
शनिवार को कोतवाली थाने में पहुंची एक नर्स ने शिकायत दर्ज कराई कि मार्च में उसके साथ छिंदवाड़ा के मोहन नगर में स्थित डॉक्टर प्रमोद वाचक ने अपने क्लीनिक में अश्लील छेड़छाड़ की। दहशत में नर्स वहां से भाग खड़ी हुई लेकिन वह पुलिस तक पहुंचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। लेकिन 15 दिन पहले ही एक ट्रेनी डॉक्टर जो परासिया में पदस्थ की गई थी। उसके साथ भी लगातार डॉक्टर प्रमोद वाचन के द्वारा हरासमेंट और अश्लील डिमांड करने के बाद पीड़िता डॉक्टर ने इस बात की शिकायत परासिया थाने में दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद वाचन के खिलाफ हरासमेंट की शिकायत दर्ज कर ली। इस शिकायत के बाद पीड़िता नर्स को भी हौसला मिला और उसने अपने साथ हुए इस दुर्व्यवहार की शिकायत थाना कोतवाली में दर्ज कराई है।

कई महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले, नर्स ने लगाए आरोप

कोतवाली पहुंची पीड़ित नर्स ने आरोप लगाया है कि डॉ प्रमोद वाचक आदतन इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं । अब तक उन्होंने कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की है लेकिन डर के कारण कोई भी सामने नहीं आता। जनवरी में परासिया में पदस्थ की गई डॉक्टर के साथ भी इसी तरह की हरकतें लगातार की गई उसके बाद डॉक्टर ने घटना की शिकायत दर्ज कराई । तब जाकर पीड़ित नर्स को भी हौसला मिला और उन्होंने डॉक्टर की शिकायत करने की हिम्मत जुटाई है। वह चाहती है कि डॉक्टर के खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई हो और विभाग भी उसे पर कड़ी कार्रवाई करें।

महिला हैरासमेंट के लिए कार्यालयों की समिति गायब

सरकारी कार्यालय में महिलाओं के साथ होने वाले हरासमेंट को देखते हुए । सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक सरकारी कार्यालय और महिला कर्मचारी वाले प्राइवेट कार्यालय में भी एक ऐसी समिति का गठन करने का निर्देश दिया है । जो महिलाओं के साथ होने वाले हरासमेंट की शिकायत सुन सके और उसके खिलाफ एक्शन ले सके। लेकिन ज्यादातर कार्यालय में ऐसी कोई समिति मौजूद ही नहीं है। जबकि कलेक्टर के माध्यम से सभी कार्यालय में ऐसी एक समिति गठन गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उसके बाद भी कई कार्यालय में महिलाएं प्रताड़ित हो रही है । लेकिन उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। बदनामी के डर से अक्सर महिलाएं ऐसे मामलों में पुलिस तक नहीं पहुंच पाती जबकि थाने में महिला पुलिस अधिकारी मौजूद है। और जिला मुख्यालय में महिला थाना भी मौजूद है जहां इस तरह के मामलों की शिकायत की जा सकती है।

परसिया में जनप्रतिनिधियों ने विरोध जताया फिर भी नही हटाया

डॉ प्रमोद वाचक के खिलाफ परासिया थाने में हुई शिकायत के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को लेकर जमकर विरोध जताया। लेकिन उसके बाद भी विभाग ने डॉक्टर प्रमोद वाचक को नहीं हटाया। इस मामले में क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य अधिवक्ता अरुण यादव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री मालवी और क्षेत्रीय नेता अधिवक्ता ऋतुराज सरसवार ने डॉक्टर के द्वारा महिलाओं के साथ की जा रही छेड़छाड़ को लेकर घोर आपत्ति दर्ज की थी और शासन और प्रशासन को चेताया था कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने अब तक डॉ प्रमोद वाचन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

क्राइम न्यूज…अविनाश सिंह
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