Home अपना शहर नगर निगम कमिश्नर ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को किया प्रभार मुक्त

नगर निगम कमिश्नर ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को किया प्रभार मुक्त

नगर निगम में शुरू हुई प्रशासनिक सर्जरी, फेरबदल के संकेत

अब नए सिरे से दिए जायेंगे प्रभार, चहेते होंगे शामिल

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में चल रहे उलट फेर के बीच अब नगर निगम में भी सर्जरी शुरू हो गई है। नगर निगम छिंदवाड़ा में महापौर से लेकर कई सभापति और पार्षद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। अब भाजपा की मेजोरिटी नगर निगम में ज्यादा है। जिसके चलते नगर निगम में भी सर्जरी शुरू हो गई है । शुक्रवार को कमिश्नर ने नगर निगम के अलग-अलग प्रभार से अधिकारी कर्मचारियों को मुक्त कर दिया। अब नए सिरे से विभागों के प्रभार अधिकारी कर्मचारियों को दिए जाएंगे। नगर निगम छिंदवाड़ा में फेरबदल की स्थितियों के बीच अब प्रशासनिक सर्जरी शुरू कर दी गई है। कमिश्नर ने एक साथ नगर निगम के सभी विभागों से अधिकारी कर्मचारियों के प्रभार छीन लिए और उन्हें प्रभार मुक्त कर दिया । अब इन विभागों में कोई भी प्रभारी अधिकारी नहीं है एक साथ सभी प्रभार मुक्त करने के बाद यह संभावनाएं बढ़ गई है कि जल्द ही नगर निगम में भारी फेरबदल हो सकते हैं। अब तक नगर निगम कांग्रेस के हिसाब से ही चल रही है। हालांकि महापौर खुद ही भाजपा में शामिल हो गए हैं। नए सभापतियों का गठन और नगर निगम अध्यक्ष को लेकर भी अब भाजपा के पार्षदों में लॉबिंग शुरू हो गई है। यही कारण है कि नगर निगम की बॉडी में फेरबदल के पहले ही प्रशासनिक सर्जरी की जा रही है। ताकि निगम की बॉडी में फेरबदल के बाद नेताओं के चहेते अधिकारी कर्मचारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी जा सके। कमिश्नर के आदेश के बाद आप नगर निगम के किसी भी कामकाज को लेकर कोई प्रभारी नहीं है। बात अतिक्रमण की हो या शहर सफाई की सब कुछ अब केवल कर्मचारियों के भरोसे है। इनमें कोई भी अधिकारी प्रभारी नहीं रहा। हालांकि संभावना यह भी है कि जल्द ही नए सिरे से प्रभारी की नियुक्ति की जाए।

अब भाजपा की होगी निगम, बहुमत में भाजपा

नगरनिगम छिंदवाड़ा में 18 साल बाद शहर की जनता ने कांग्रेस की शहर सरकार को चुना था । 28 पार्षद कांग्रेस के चुने गए थे और महापौर के रूप में शहर की जनता ने नगर निगम के एक अधिकारी के बजाय एक आम ग्रामीण विक्रम आहके को चुना था। लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले जनता के इस फैसले को नकारते हुए चुने हुए नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। महापौर विक्रम आहके सहित कांग्रेस के 14 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा के पास निगम की बॉडी बनाने के लिए बहुमत है। इन हालात में नगर निगम के अध्यक्ष सहित सभी सभापतियों का पुनर्गठन किया जाएगा। जिसको लेकर भाजपा पार्षदों में लॉबिंग शुरू हो गई है। हालांकि भाजपा के पार्षद पहले ही नगर निगम में सक्रिय हो चुके हैं। अब तक अध्यक्ष और सभापतियों को मनोनीत किया जाना बाकी है।

कोन बनेगा अध्यक्ष – सभापति, मचेगी खींचतान

लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के पार्षदों को भाजपा मैं शामिल कर भाजपा ने पांसा तो पलट दिया लेकिन अब नगर निगम के अध्यक्ष और सभापतियों को लेकर भाजपा में ही खींचतान मचने की पूरी संभावना है। पहले ही अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ पार्षदों और कांग्रेस से भाजपा में गए पार्षदों के बीच लाबिंग शुरू हो गई है। सब अपने-अपने आका के पास नंबर बढ़ाने की जुगत में लगे हैं। अब तक नगर निगम के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस पार्षद सोनू मागो आसीन है। लेकिन अब अध्यक्ष पद की कुर्सी भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता को मिलती है या कांग्रेस से भाजपा में गए किसी वरिष्ठ पार्षद को अध्यक्ष बनाया जाता है। इस बात को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। यही हाल सभापतियों को लेकर भी है क्योंकि भाजपा के पार्षद पहले से ही सभापति की कुर्सी पर घात लगाए बैठे हैं। इन हालात में जो 6 सभापति कांग्रेस से भाजपा में गए हैं उनमें से कइयों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है। इन सबसे पहले नगर निगम की प्रशासनिक सर्जरी शुरू कर दी गई है ताकि बड़े नेता अपने हिसाब से नगर निगम को चला सके।

न्यूज विश्लेषण…प्रवीण काटकर

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