तीन साल में बढ़ोतरी के नियम के आधार पर कर दिया निर्धारण
12 साल से नहीं हुए जिला ओलंपिक संघ के चुनाव
छिंदवाड़ा। जिला ओलंपिक संघ में चल रही मनमानी और दुकानों के किराए निर्धारण में दुकानदारों की गुंडागर्दी को कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने एक बैठक में ही खत्म कर दिया। कलेक्टर ने जिला ओलंपिक संघ की दुकानों का किराया आवंटन की तारीख से हर 3 साल में बढ़ोतरी के आधार पर निर्धारित किया और बकाया वसूली एक सप्ताह के अंदर करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आदेश जारी कर दिया कि जो भी दुकानदार बकाया किराया देने से मना करें उसकी दुकान खाली करा ली जाए । इस आदेश के बाद जिला ओलंपिक संघ की 97 दुकानों का संचालन कर रहे दुकानदारों में हड़कंप मच गया। इसका नतीजा यह निकला कि केवल तीन दिनों में 35 लाख रुपए से ज्यादा की वसूली जिला ओलंपिक संघ में हो गई है। अब हर किराएदार दुकान संचालक बड़ा हुआ किराया और आवंटन की तारीख से लेकर अब तक बकाया किराया देने खुद जिला ओलंपिक संघ कार्यालय पहुंच रहे। जिला ओलंपिक संघ के नियमों के अनुसार दुकान आवंटन की तारीख से हर 3 साल में 15% किराए में बढ़ोतरी का नियम था । लेकिन आज तक दुकानदारों ने यह किराया नहीं बढ़ने दिया और 200 से लेकर 4000 रुपए तक महीने की किराए में दुकान का संचालन करते रहे। नए किराए निर्धारण के बाद दुकानदारों पर लगभग 65 लख रुपए का बकाया किराया निकला था । जिसकी आधी से ज्यादा वसूली हो चुकी है। और एक सप्ताह में बची हुई राशि में जमा हो जाएगी। जिसका फायदा जिला ओलंपिक संघ को मिलेगा। जिला ओलंपिक संघ के राजस्व में 65 लख रुपए की बढ़ोतरी कलेक्टर के एक आदेश के बाद हो गई है।
अब हर महीने मिलेगा डेढ़ लाख से ज्यादा किराया
जिला ओलंपिक संघ में स्टेडियम ग्राउंड के आसपास लगभग 97 दुकान हैं। इन दुकानों का आवंटन अलग-अलग समय पर हुआ है और आवंटन के समय जो किराया निर्धारित हुआ था अब तक दुकानदार वही किराया जमा कर रहा था । जबकि जिला ओलंपिक संघ के नियमों के अनुसार हर 3 साल में किराए में बढ़ोतरी किया जाना था । जो आज तक नहीं की गई कलेक्टर के आदेश के बाद जब सभी दुकानों की आवंटन की तारीख से हर 3 साल में 15% की बढ़ोतरी करते हुए आज तक का निर्धारण किया गया। तो अधिकतम किराया 19 हजार रुपए का निर्धारित हुआ है। अलग-अलग दुकानों के अलग-अलग किराए निर्धारण के अनुसार दुकानों पर अब तक का बकाया लगभग 65 लख रुपए निकला और हर महीने मिलने वाला 74000 का किराया बढ़कर डेढ़ लाख से ज्यादा हो गया। जिला ओलंपिक संघ को अब हर महीने डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का किराया दुकानों से मिल सकेगा और नियम अनुसार हर 3 साल में 15% की बढ़ोतरी भी दुकानदारों को करना पड़ेगा।
ओलंपिक संघ कराएगा फुटबाल मैदान का सुधार
जिला ओलंपिक संघ के मैदान के लिए कमलनाथ सरकार में 20 लख रुपए का आवंटन किया गया था। लेकिन इस राशि का पूरी तरह से उपयोग इस मैदान में नहीं किया गया। और मैदान सही तरीके से बनकर तैयार नहीं हुआ। 20 लाख रुपए में ठेकेदार और उस समय के जिम्मेदारों ने खानापूर्ति की और मैदान अधूरा छोड़ दिया। आज तक मैदान पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ है । खिलाड़ियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं कि मैदान में काम का एस्टीमेट तैयार किया जाए। मैदान का काम जिला ओलंपिक संघ की एफ डी की राशि से कराया जाएगा । ताकि शहर में खिलाड़ियों को एक बेहतर मैदान मिल सके और शहर में एक सुधार कार्य भी हो सके।
12 साल से नहीं हुए संघ के चुनाव
जिले में खिलाड़ियों की दुर्दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने वाली जिले की सबसे बड़ी संस्था जिला ओलंपिक संघ के चुनाव पिछले 12 सालों से नहीं हुए। आखरी बार 2009 में जिला ओलंपिक संघ के चुनाव कराए गए थे। उसके बाद से अब तक जिला ओलंपिक संघ में केवल राजनीति चल रही है। राजनीतिक चेहरों को खेल संघ में शामिल कर राजनीतिक फायदा उठाने के फेर में खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है। जिला ओलंपिक संघ में लगभग सभी खेल संघ शामिल है और इन खेल संघो को जिला ओलंपिक संघ से खेलों के आयोजन के लिए आर्थिक सहायता भी मिलती है। लेकिन जिला ओलंपिक संघ में चुनाव नहीं होने के कारण एक प्रॉपर बॉडी पिछले 12 सालों से जिला ओलंपिक संघ में नहीं है। कुछ मठाधीशों के चक्कर में जिला ओलंपिक संघ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहा है। जबकि जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के रूप में कलेक्टर, उपाध्यक्ष के रूप में पुलिस अधीक्षक, और सचिव के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पदेन है। इन पदों पर चुनाव नहीं होते लेकिन कोषाध्यक्ष से लेकर अन्य पदों के लिए जिला ओलंपिक संघ में चुनाव कराए जाते हैं जो पिछले 12 सालों से नहीं हुए हैं।
अच्छी पहल…अविनाश सिंह
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