पांडूर्णा जिले में माफिया राज, चल रही मनमानी
प्रशासन ने कराई अवैध उत्खनन की जांच, पेड़ों पर ध्यान ही नहीं
छिंदवाड़ा/सौंसर। पांढुर्णा जिला यूं तो तीन तहसीलों का जिला है लेकिन यहां जिला बनने के बाद से माफिया राज बढ़ता ही जा रहा है। प्रशासन का कोई अंकुश पांढुर्णा जिले पर दिखाई नहीं दे रहा और माफिया अपनी मर्जी से अवैध कारोबार चला रहा है। हाल ही में एक मामला सौसर क्षेत्र के रामपेठ का सामने आया जहां पर एक फैक्ट्री के लिए प्राइवेट सड़क बनाने ठेकेदार ने हजारों घन मीटर क्षेत्र में अवैध उत्खनन कर सरकारी जमीन खोद डाली। इतना ही नहीं यहां केवल मुरम का ही उत्खनन नहीं किया गया बल्कि इस क्षेत्र के कई छोटे-बड़े पेड़ों को भी उखाड़ दिया गया। और कार्रवाई के नाम पर प्रशासन मौन साधे बैठा है। यह मामला है सौसर के रामपेट क्षेत्र में बन रही लोहिया ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का। इस कंपनी में निर्माण का ठेका नवीन इंफ्रा स्पेस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। फैक्ट्री तक सड़क बनाने के लिए ठेकेदार नवीन शर्मा ने सरकारी जमीन खोद डाली। यह वह सरकारी जमीन है जो चारागाह मद की जमीन है। इस जमीन पर केवल मिट्टी और मुरम ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े पेड़ भी मौजूद थे। क्योंकि यह जमीन क्षेत्रीय मवेशियों को चारागाह के रूप में उपयोग होती थी। लेकिन ठेकेदार ने जमीन खोद कर सड़क बना डाली। मामले की शिकायत के बाद जांच तो की गई। लेकिन आज तक कार्रवाई के नाम पर प्रशासन केवल मुरम का आकलन ही करता नजर आ रहा है।
क्या कहते हैं नायब तहसीलदार अशोक अधमे सुनिए
कितने छोटे बड़े पेड़ उखड़े नही किया सत्यापन
ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निर्माण कार्य के लिए जिस सरकारी भूमि को खोदा गया वह सरकारी भूमि चारागाह के उपयोग की थी। और इस भूमि में मवेशियों के लिए चारे के साथ ही कई छोटे-बड़े पेड़ भी मौजूद थे। ताकि इस जमीन का उपयोग क्षेत्रीय ग्रामवासी अपने मवेशियों को चराने के लिए कर सके। इस जमीन का उपयोग इसलिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण था क्योंकि अब जंगलों में मवेशियों के चरने पर पाबंदी है। इसलिए ऐसी जमीन छोड़ी जाती है लेकिन ठेकेदार नवीन शर्मा ने चारागाह की जमीन की खुदाई कर पूरा पहाड़ समतल कर दिया। और यहां मौजूद कई छोटे-बड़े पेड़ों पर जेसीबी चला दी। लेकिन आज तक प्रशासन और राजस्व विभाग ने इन पेड़ों का पंचनामा तक नहीं बनाया कि आखिर कितने पेड़ ठेकेदार ने उड़ा दिए।
एथेनाल बनाने की कंपनी में एनजीटी की अनदेखी
सौसर के रामपेठ में अवैध उत्खनन का या मामला केवल राजस्व और वन विभाग से ही जुड़ा नहीं है। बल्कि यह मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का भी है जहां एक तरफ कंपनी इथेनॉल बनाने के लिए फैक्ट्री का निर्माण करने जा रही है। जिसका नाता सीधे-सीधे एनजीटी से है। लेकिन यहां फैक्ट्री निर्माण से पहले ही एनजीटी के नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। लेकिन अब तक प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस मामले में सक्रिय नहीं हुआ है और ना ही राजस्व विभाग ने इस बात की सूचना प्रदूषण नियंत्रण विभाग को दिए है।
न्यूज… रिंटू खान सौंसर
द्वारा – अविनाश सिंह
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