देशी शराब में 32 प्रतिशत से ज्यादा की ओवररेटिंग
शहर में हर होटल ढाबे में परोसी जा रही शराब
छिंदवाड़ा। 1 अप्रैल से जिले में शराब के नए ठेके शुरू हो गए और 1 अप्रैल से ही अवैध शराब और शराब की ओवर रेटिंग का गोरख धंधा ठेकेदारों ने शुरू कर दिया। 1 अप्रैल के बाद शराब कारोबार में नया रूप देखने को मिला । जहां शराब दुकानों से बड़ी आसानी से कम रेट में शराब मिल रही थी । वहीं अब ओवर रेटिंग ने लोगों की कमर तोड़ दी है। शराब का कारोबार सरकार का राजस्व बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका शराब खरीदने वाले भी निभाते हैं । जो सरकार को राजस्व देते हैं । लेकिन यहां ठेकेदारों की मनमानी शुरू हो गई है । शहर में जहां हर होटल ढाबे में शराब परोसी जा रही है तो वही ओवर रेटिंग ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है।
अवैध शराब का कारोबार इतना फैल गया है कि अब छिंदवाड़ा पांढुर्णा के सांसद विवेक बंटी साहू ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अवैध शराब का कारोबार बंद कराने की गुहार तक लगा दी है। लेकिन बड़ी बात यह है कि अवैध शराब का कारोबार ओवर रेटिंग की ही तरह ठेकेदारों के इशारे पर ही चल रहा है। छिंदवाड़ा में हर तरफ ओवर रेटिंग, अवैध अहाते खुले हुए हैं। जहां खुलेआम शराब खोरी हो रही है। शराब दुकानों और उसके आसपास रिहायशी क्षेत्रों में भी शराबियों का जमावड़ा खुलेआम लगा रहता है। इस बात पर ना ही स्थानी पुलिस बल और ना ही आबकारी अमला कुछ कर रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे शराब के कारोबार में राम राज्य आ गया है। ठेकेदार की जैसी मर्जी होगी पुलिस और आबकारी भी इस मर्जी के हिसाब से काम करेगी। ठेकेदार चाहेगा तो शराब सस्ती बेचेगा और ठेकेदार चाहेगा तो मुनाफे के अलावा एमएसपी और एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूल करेगा। इस पूरे कांड में आबकारी विभाग धृतराष्ट्र बन कर केवल विभागीय कमीशन की वसूली करता रहेगा।
65 रुपए की प्लेन 100 में, 92 रुपए की मसाला 120 में
ठेकेदारों के महंगे शराब ठेके लेने का खामियाजा शराब पीने के शौकीन भुगत रहे हैं। और सबसे बड़ा नुकसान गरीबों का हुआ है। जो सस्ती शराब पीते हैं। खासतौर से देसी शराब जो सबसे ज्यादा बिकती है उसमें ठेकेदार 32 से 40% तक की ओवर रेटिंग कर रहा है । जो देसी प्लेन शराब की 180 मिलीलीटर की बोतल की मिनिमम कीमत 65 रुपए है वह पाव 100 रुपए में बेचा जा रहा है। मतलब न्यूनतम कीमत से लगभग 35 रुपए ज्यादा ठेकेदार वसूल रहा है जो 40% से ज्यादा है। यही हाल देसी मसाला शराब का है। देसी मसाला शराब के एक पाव की न्यूनतम कीमत 92 रुपए है। जिसे ज्यादा से ज्यादा 106 रुपए में बेचा जा सकता है लेकिन ठेकेदार इस शराब के एक पाव को 120 रुपए से ज्यादा में बेच रहा है। यहां भी 25 से 30% की ओवर रेटिंग हो रही है। इस मामले में आबकारी विभाग को कार्रवाई का अधिकार है और सरकार ने शराब की कीमत न्यूनतम और अधिकतम दोनों तय कर रखी है। उसके बाद भी अधिकतम कीमत से भी 30 से 40% ज्यादा में शराब बेचकर ठेकेदार आबकारी के नियमों का खुला उल्लंघन कर रहा है। और आबकारी विभाग आंखों पर पट्टी बांधे महीने के कमिशन का हिसाब करने में व्यस्त है।
सांसद ने की अवैध शराब कारोबार रोकने की मांग

छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले के सांसद विवेक बंटी साहू ने अवैध शराब के कारोबार पर चिंता जताई और कलेक्टर शैलेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अवैध शराब के इस कारोबार पर अंकुश लगाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही है कि शहर के हर होटल ढाबे में शराब परोसी जा रही है । जिस से शहर की फिजा बिगड़ रही है। और इस काम पर अंकुश लगाया जाए। यह पत्र विवेक बंटी साहू ने 10 अप्रैल को लिखा है। हालांकि सांसद विवेक बंटी साहू ने अपने पत्र में केवल अवैध शराब का जिक्र किया है। दोनों जिलों में बिक रही ओवर रेट शराब पर उन्होंने अपने पत्र में कुछ भी नहीं लिखा । यहां सबसे बड़ी बात यह है कि जिन दोनों जिलों में अवैध शराब के साथ ही ओवर रेटिंग का धंधा भी ठेकेदार कर रहे हैं। ठेकेदार के इशारे पर ही होटल ढाबों तक शराब पहुंचती है और ठेकेदार के इशारे पर ही शराब की कीमतें तय होती है। अब देखना यह है कि सांसद के पत्र पर छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह कितनी गंभीरता से शराब की ओवर रेटिंग और अवैध शराब के कारोबार को बंद करने का प्रयास करते हैं।
दुकानों के साथ अवैध अहाते खोलने की तैयारी
छिंदवाड़ा शहर में तीन ग्रुप है और तीनों ग्रुप के ठेकेदारों ने आपस में रेट सिंडिकेट बना लिया है। अब इस सिंडिकेट का काम यह है कि तीनों ही ग्रुप बस स्टैंड, माल धक्का और फवारा चौक तीनों ग्रुप की शराब दुकानों में एक से रेट पर शराब मिलेगी। यह तीनों शराब के ग्रुप के ठेकेदारों ने आपस में बैठकर तय कर लिया। इसके साथ ही सिंडिकेट की शहर से लगी हुई शराब दुकानों में अब अवैध अहाते खोलने की तैयारी भी चल रही है। चर्चे यहां तक है कि एक-दो ठेकेदारों ने तो अपनी शराब दुकान के पीछे शहर के कुछ तत्वों को जगह भी दे दी है। ताकि वह वहां अहाता संचालित करें और शराब दुकान की बिक्री में 25 से 30% का इजाफा हो जाए । जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने शराब दुकान के आहतों पर प्रतिबंध लगाया है। शराब दुकान के साथ कोई भी अहाता संचालित नहीं किया जा सकता । उसके बाद भी ठेकेदार अहाते संचालित करने की तैयारी कर रहे हैं।
अवैध कारोबार…avinash singh
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