Home अपराध छिंदवाड़ा – पांढुर्णा के जंगलों में चल रही पुष्पा की कुल्हाड़ी

छिंदवाड़ा – पांढुर्णा के जंगलों में चल रही पुष्पा की कुल्हाड़ी

जिले की शान सागौन पर तस्करों का कहर

सर्चिन, पेट्रोलिंग, कटाई रोकने की खानापूर्ति

Episode – 1

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले की सागौन पर तस्करों की कुल्हाड़ी चल रही है। जिले के जंगलों में हर तरफ पुष्पा मौजूद है। जो सागवान काटकर तस्करों के हवाले कर रहा है । और यह तस्कर सागौन के सीधे गोल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई प्रदेशों में सप्लाई कर रहा है। वन हमला इस बात से इनकार कर सकता है। लेकिन हाल ही में घटी एक वारदात ने जिले से सागौन की तस्करी की पोल खोल कर रख दी है। जिले से सागौन की तस्करी जोरों पर है हर महीने करोड़ों की सागवान बाहर जा रही है । और वन आमला सर्चिंग, पेट्रोलिंग और कटाई रोकने के नाम पर केवल खाना पूर्ति करता नजर आ रहा है। अफसर दफ्तरों में बैठे अपने चहेतों को ठेके के काम दिलाने में व्यस्त है। और जिले की सागौन पर पुष्पा की कुल्हाड़ी कहर बरसा रही है । जिले भर में सागौन की कटाई जोरों पर है लेकिन वन हमले की कोई मजबूत करवाई और कटाई रोकने के प्रयास कहीं नजर नहीं आते। लगातार पिछले कई महीनो से सागौन की कटाई चल रही है और चीर परिचित तस्कर इस सागौन को छिंदवाड़ा के बाहर महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ तक सप्लाई कर रहे हैं। खुलेआम हो रही सप्लाई पर ना ही बॉर्डर पर कोई रोक-टोक है और ना ही वन विभाग के मुखबिर सक्रिय हैं। कुल मिलाकर जिले का वन हमला कुंभकरणीय नींद सोया हुआ है और जिले की शान सागौन धराशाही हो रही है।

30 किलोमीटर छकाया, गाड़ी पलटी तो खुला राज

जिले भर में हो रही सागौन की कटाई और तस्करी की यह बात केवल शगूफा नहीं है। बल्कि एक सच्चाई है जिसका खुलासा लगभग 10 दिन पहले पांढुर्णा जिले में हुआ। जहां छिंदवाड़ा से एक पिकअप में भरकर ले जाई जा रही लाखों की सागौन पकड़ी गई । वह भी पुष्पा मूवी की तरह ही लगभग 30 से 35 किलोमीटर पीछा करने के बाद जब गाड़ी पलटी तब पता चला कि इस गाड़ी में कीमती सागवन भरा हुआ है। दरअसल सौसर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छिंदवाड़ा की तरफ से आ रही पिकअप का पीछा यह सोचकर किया कि इस वाहन में गोवंश भरा हुआ है। बजरंगियों ने इस बात की सूचना पुलिस को भेजी। बजरंगी और पुलिस की गाड़ी लगातार इस वाहन का पीछा करती रही और पिकअप वाहन तेजी से भागता रहा। लगभग 30 किलोमीटर भगाने के बाद आखिरकार पिकअप वाहन पलट गया। तब जाकर पता चला कि इस वाहन में गोवंश नहीं बल्कि लाखों की सागवन भरी हुई है। जो छिंदवाड़ा के जंगलों से महाराष्ट्र तक पहुंचाई जा रही थी । इस मामले में सौसर पुलिस ने करवाई तो की है लेकिन वन विभाग ने अब तक कोई पुख्ता कार्रवाई इस मामले में नहीं की। इस वाहन में लाखों की सागौन के गोल भरे हुए थे जो ताजा कटे हुए थे । और सीधे जंगल से पिकअप में भरकर मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर भेजे जा रहे थे। बजरंगियों ने इस वाहन का पीछा नहीं किया होता तो कभी इस बात का खुलासा ही नहीं होता कि जिले से इस बेतरतीबी से सागवन की तस्करी चल रही है। इस घटना का पूरा वीडियो इस खबर के साथ डाला जा रहा है। आप खुद देख सकते हैं कि किस तरह से बजरंगियों ने वाहन का पीछा किया और वाहन पलटने के बाद पता चला कि उसमें सागवान भरी हुई है।

रोहना ढाना के चिरपरिचित तस्कर का नाम आया सामने

संतरांचल में पकड़ी गई सागौन के मामले में वन विभाग के चिर परिचित सागौन तस्कर का नाम सामने आया है। यह सागवन तस्कर रोहना ढाना का रहने वाला है । और अगस्त में भी इसी तरह के पिकअप वाहन में इसके पास से लाखों रुपए के सागौन के गोल पकड़े गए थे। लेकिन वन विभाग ने खानापूर्ति की कार्रवाई की और यह तस्कर मामूली कार्रवाई के बाद छूट गया। लेकिन इस बार फिर इस तस्कर का नाम सामने आया है। वन विभाग ने अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है और क्या इस तस्कर को आरोपी बनाया गया है । यह जानकारी वन विभाग नहीं दे पा रहा है। लेकिन यह सच्चाई है कि वन विभाग का यह चिर परिचित तस्कर लगभग हर हफ्ते लाखों की सागौन छिंदवाड़ा से बाहर भेज रहा है। और लाखों रुपए मुनाफा भी कमा आ रहा है । वन विभाग की नाकामी का यह सीधा उदाहरण है जब महज 6 महीने पहले पकड़े गए इस तस्कर का नाम लाखों की सागवन तस्करी में फिर से सामने आया है। सैकड़ो वन कर्मी और अधिकारी सरकारी वेतन का लाभ उठा रहे है । अधिकारियों की स्थिति यह है कि पूरे जिले में कहीं कमांड नहीं है। वन क्षेत्रों में अधिकारी 6- 6 साल से जमे हैं। कहां से सागौन कट रहा है। कहां भेजा जा रहा है। इस बात की भनक तक जिले के अला वन अधिकारियों को नहीं है।

सावरी, सिलेवानी या बिछुआ कहां का था सागौन ?

सौसर क्षेत्र में पकड़ा गया सागौन किस वन क्षेत्र से काटा गया । इस बात का पता अब तक वन विभाग नहीं लग पाया है। छिंदवाड़ा जिले के सावरी वन परिक्षेत्र, सिलवानी वन परिक्षेत्र और बिछुआ वन परीक्षेत्र में भरपूर मात्रा में सागौन है । घने जंगल के बीच चल रही कटाई से बेखबर वन विभाग इस कटाई पर अंकुश भी नहीं लग पा रहा है । सौसर क्षेत्र में पकड़ा गया सागौन इन्हीं तीन वन परीक्षेत्र में से कहीं से काटा गया और बाहर भेजा गया। लेकिन इस बात की भनक वन विभाग को नहीं लगी । आखिर वन अमला कर क्या रहा है। वन विभाग का मुख्य काम वन्य प्राणियों का संरक्षण और वनों की कीमती धरोहर को बचाना है । लेकिन इससे हटकर वन विभाग केवल खानापूर्ति में लगा हुआ है। सागौन कि तस्करी से सीधा आरोप वन विभाग पर लगता है । कि आखिर वन विभाग के आला अधिकारी जिले में क्या कर रहे हैं। इस बात का जवाब वन विभाग को देना लाजमी है।

Episode – 1 सागौन तस्करी
….अविनाश सिंह
7697930555